नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल कार के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने एनजीटी और उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के मद्देनजर यह फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार की नीति के अनुसार, याचिकाकर्ता द्वारा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों के अनुसार अनुमति वाले क्षेत्रों में वाहन के ट्रांसफर के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है.
अदालत ने कहा कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेशों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता दिल्ली-एनसीआर में चलने के उद्देश्य से 15 साल पूरे होने के बाद पेट्रोल वाहन के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण की मांग नहीं कर सकता है.
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत नहीं दी जा सकती और याचिका खारिज की जाती है. अदालत का आदेश एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसमें मांग की गई थी कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण के संबंध में जारी एक सार्वजनिक घोषणा का नोटिस मनमाना है.
याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि अगर वाहन की फिटनेस और प्रदूषण उत्सर्जन मानदंड 2021 के ऑटोमोटिव उद्योग मानकों के भीतर हैं तो उनकी होंडा सिटी कार के पंजीकरण का नवीनीकरण किया जाए. बता दें कि याचिकाकर्ता की कार को मूल रूप से फरवरी 2006 में पंजीकृत किया गया था. इसने अप्रैल 2021 में 15 साल पूरे कर लिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ससुराल के घर पर पत्नी का कितना हक, दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
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