मुंबई. पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को शिवसेना सांसद संजय राउत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति कुर्क कर ली है. इस कार्रवाई के तहत जांच एजेंसी ने राउत के अलीबाग स्थित आठ प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क किया.
इस बीच संजय राउत ने भी अपने ऊपर हुई ईडी की कार्रवाई पर रिपोर्टर्स से बात की. उन्होंने कहा, मैं किसी से नहीं डरता. मेरी संपत्ति जब्त कर लें, या मुझे गोली मार दें या मुझे जेल में डाल दें. संजय राउत बालासाहेब ठाकरे को मानने वाला है और एक शिवसैनिक है. वह लड़ेगा और सबका खुलासा करेगा. मैं चुप बैठने वाला नहीं हूं. उन्हें घूमने दें. आखिर में जीत सत्य की ही होगी.
पीएमएलए के तहत हुई कार्रवाई
इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमीन के टुकड़े (भूखंड) और फ्लैट को फ्रीज करने के लिए एक अस्थायी कुर्क के आदेश जारी किए हैं. यह कुर्की मुंबई में एक 'चॉल' के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी है.
फरवरी में संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत को किया गया था गिरफ्तार
ईडी ने इस मामले में महाराष्ट्र के बिजनेसमैन प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था और बाद में चार्जशीट भी दाखिल की थी. एजेंसी ने पिछले साल संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले और प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के साथ उनके कथित संबंधों के संबंध में भी पूछताछ की थी.
राकांपा ने भाजपा पर साधा निशाना
ईडी द्वारा शिवसेना नेता संजय राउत की संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई को लेकर राकांपा ने मंगलवार को भाजपा पर निशाना साधा है. महाराष्ट्र राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने इस कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा महाराष्ट्र में एमवीए नेताओं की आवाज दबाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
महाराष्ट्र राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि एनडीए घटक 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में सरकार नहीं बना सका था. इसी को लेकर भाजपा महा विकास अघाड़ी नेताओं को निशाना बना रही है. तापसे ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के समय पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जैसे ही महाराष्ट्र सरकार ने राउत द्वारा जांच एजेंसी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए जबरन वसूली के आरोप की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. तुरंत ही ईडी ने उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की.
गौरतलब है कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवसेना ने मुख्यमंत्री के कार्यकाल को साझा करने को लेकर सहमति न बनने पर लंबे समय से सहयोगी रही भाजपा से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने 2019 के अंत में एमवीए का गठन किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कहीं पंजाब न बन जाये महाराष्ट्र कांग्रेस की लड़ाई
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