प्रदीप द्विवेदी. जब तक सहयोगी थे, तब तक सभी अच्छे थे, विरोध में हैं, तो सब भ्रष्ट हो गए हैं?
कभी लंबे समय तक बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना अब मोदी टीम को रास नहीं आ रही है और यही वजह है कि विरोधियों पर ईडी कार्रवाई जैसे सियासी हथियार का खुलकर उपयोग हो रहा है!
खबरों की मानें तो इसी शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना कहा था कि- देश में इस वक्त एक स्वतंत्र संस्था स्थापित करने की आवश्यकता है, जिसके नीचे केंद्रीय जांच एजेंसियां काम कर सके. उनके मुताबिक सीबीआई और अन्य एजेंसियों जैसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को एक छत के नीचे लाना चाहिए.
उनका मानना था कि- इससे इन एजेंसियों पर ये आरोप नहीं लगेंगे कि इनका इस्तेमाल राजनीतिक उत्पीड़न के तौर पर किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि- प्रधान न्यायाधीश सीबीआई के 19वें डीपी कोहली स्मृति व्याख्यान में ‘लोकतंत्रः जांच एजेंसियों की भूमिका और जिम्मेदारियां’ विषय पर बोल रहे थे.
उधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने भी खुद पर हुई प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार पर पलटवार किया है.
उन्होंने कहा- मैं डरनेवाला नहीं हूं, बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी और शिव सैनिक हैं, लड़ेंगे और सभी को बेनकाब भी करेंगे, मैं चुप रहनेवालों में से नहीं हूं, उन्हें नाचने दो!
यही नहीं, एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उनका कहना था कि- सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाने की कोशिश की जा रही है.
वे बोले- मैं तो पिछले चार महीने से कह रहा था कि मुझे निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि महाराष्ट्र की सरकार को घेरा जा सके, लेकिन मैं उनके सामने झुकने वाला नहीं हूं.
प्रवीन राउत मेरे भाई हैं और उनको सिर्फ इस वजह से कटघरे में खड़ा किया जा रहा है क्योंकि वह मेरे भाई हैं, उनके जरिए मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है?
उनका यह भी कहना था कि- सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि दिल्ली, तमिलनाडु, हर जगह ईडी का इस्तेमाल कर विरोधियों पर निशाना साधा जा रहा है, जो उनका डर दिखा रहा है?
खबरों पर भरोसा करें तो.... महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है.
इनमें बताया गया है कि.... एसआईटी का गठन शिवसेना सांसद संजय राउत के 28 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर ईडी पर मुंबई में रंगदारी रैकेट चलाने के आरोप लगाने के बाद किया गया है.
गृहमंत्री दिलीप वालसे-पाटिल का कहना है कि- इन आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वीरेश प्रभु कर रहे हैं और हम उन्हें इसकी जांच के लिए जो भी समय वो चाहेंगे, देंगे.
उल्लेखनीय है कि राउत ने ईडी अधिकारियों की एक सूची दी थी और उन पर जितेंद्र नवलानी नामक व्यक्ति की मदद से करोड़ों रुपये की उगाही का आरोप लगाया था.
खबरों के अनुसार इससे पहले पुलिस उपायुक्त की निगरानी में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा इसकी जांच कर रही थी, लेकिन अब यह जांच एसआईटी करेगी.
याद रहे, 8 मार्च को, संजय राउत ने प्रेस के समक्ष सनसनीखेज खुलासा करते हुए दावा किया था कि- कैसे ईडी के अधिकारी और बीजेपी के करीबी माने जाने वाले नवलानी ने विभिन्न बिल्डरों और कॉरपोरेट्स से धमकियों की जांच के बदले में कथित तौर पर धन लिया?
मजेदार बात है कि- उन्होंने केंद्रीय एजेंसी पर बीजेपी के एटीएम की तरह काम करने का आरोप भी लगाया था!
सियासी सयानों का मानना है कि मोदी सरकार की भी सातवें दशक की जनता पार्टी की सरकार की तरह ही, जनता की समस्याएं सुलझाने के बजाए, विरोधियों को निपटाने में ज्यादा दिलचस्पी है!
बड़ा सवाल यह है कि मोदी सरकार का भी हश्र जनता पार्टी की सरकार की तरह ही होगा?
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-साहेब सब जोखिम से दूर हैं! गैस- स्मृति, पेट्रोल- रामदेव, तो महंगाई के लिए राजनाथ पर निशाना साधो? news in hindi https://t.co/s6cyP3kM41
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) April 3, 2022
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