नजरिया. पंजाब में कामयाबी के बाद आप नेता और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के सियासी हौसले बुलंद जरूर हैं और वे गुजरात, हिमाचल जैसे राज्यों में भी पंजाब दोहराने का सियासी सपना देख रहे हैं, लेकिन.... हिमाचल, गुजरात- पंजाब नहीं हैं?
याद रहे, पंजाब में बीजेपी राजनीतिक तौर पर बेबस थी, पंजाब में पहले ही कमजोर रही बीजेपी को किसान आंदोलन ने भी जोरदार राजनीतिक झटका दिया था और कांग्रेस की आत्मघाती गुटबाजी ने आम आदमी पार्टी को अच्छाखासा फायदा पहुंचाया, परन्तु हिमाचल, गुजरात में ऐसा कुछ नहीं है?
खबरें हैं कि आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के हिमाचल प्रदेश में रोड शो के दो दिन बाद ही पार्टी के बड़े नेताओं ने केजरीवाल का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है.
इसी तरह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की गुजरात यात्रा से पहले भी आम आदमी पार्टी को तगड़ा सियासी झटका लगा था, जब एक हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी.
बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आम आदमी पार्टी कांग्रेस-बीजेपी को किनारे करते हुए हिमाचल, गुजरात में कामयाबी हासिल कर पाती है या नहीं?
यह भी हो सकता है कि आप मोदी टीम की सियासी जोड़तोड़ की शिकार हो जाए?
अगर ऐसा हुआ, तो बीजेपी को दोहरा फायदा होगा, कांग्रेस के लिए आप, वोटकटवा साबित होगी और बीजेपी का सत्ता का लड़खड़ाता सियासी हिसाब सही हो जाएगा?
कांग्रेस हारी है, खत्म नहीं हुई है! आप ने नहीं, प्रादेशिक नेताओं की महत्वाकांक्षाओं ने कांग्रेस को मात दी है?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कांग्रेस हारी है, खत्म नहीं हुई है! आप ने नहीं, प्रादेशिक नेताओं की महत्वाकांक्षाओं ने कांग्रेस को मात दी है? news in hindi https://t.co/iyKGeoOzov
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) April 9, 2022
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