पटना. बिहार सरकार ने सप्तम केंद्रीय पुनरीक्षित संरचना में वेतन प्राप्त कर रहे राज्य के सभी सरकारी सेवकों एवं पेंशन भोगियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते को 31 फीसदी से बढ़ा कर 34% कर दिया है.
बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मियों की तरह एक जनवरी, 2022 के प्रभाव से मिलेगा. वित्त विभाग ने इससे संबंधित संकल्प शनिवार को जारी कर दिया. विभाग के सचिव (संसाधन) लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि महंगाई भत्ता की गणना में 50 पैसे या उससे अधिक पैसे को अगले रुपये में पूर्णांकित कर दिया जायेगा, जबकि 50 पैसे से कम राशि को छोड़ दिया जायेगा. वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इस निर्णय से राज्य सरकार पर सालाना 1133 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
सरकारी सेवक के मामले में उनके मूल वेतन (पे-मैट्रिक्स में विहित वेतन स्तर में आहरित किया जाने वाला वेतन) जबकि पेंशनरों में मूल पेंशन के आधार पर राशि का भुगतान होगा. वहीं बिहार आकस्मिकता निधि की अधिसीमा को 350 करोड़ से बढ़ाकर 30 मार्च तक के लिए अस्थायी रूप से 9500 करोड़ कर दिया गया है. इसी प्रकार अनाज अधिप्राप्ति कार्य में अनुदान की राशि बढ़ती है तो उसे पुन: कैबिनेट में न भेजकर विभाग को ही स्वीकृति देने का अधिकार होगा. उचित मूल्य पर उद्योगों को कोयला उपलब्ध कराने के लिए नामित एजेंसी की अवधि को तीन साल का विस्तार दिया गया है.
अग्निशामक वाहनों की खरीद के लिए 43 करोड़ की स्वीकृति दी गई. मुंबई स्थित निवेश आयुक्त कार्यालय खर्च के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में तीन करोड़ 23 लाख की स्वीकृति दी गई है. रामनवमी के मौके पर सरकार की ओर से की गयी इस घोषणा से सरकारी कर्मियों में खासा खुशी का माहौल है. लोगों ने कहा कि इस बढ़ती महंगाई में सरकार की ओर से लिया गया यह फैसला राहत देनेवाला है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः क्या बिहार की सियासी शतरंज में मात खा रहे हैं नीतीश कुमार? कब तक साथ-साथ हैं?
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