शहडोल. मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है. यहां 3 दिन में 5 लोगों को हाथियों ने कुचलकर मार डाला है. वन विभाग का कहना है कि गांव के लोग मना करने के बावजूद महुआ बीनने जंगल में जा रहे हैं और हादसे का शिकार हो रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हाथियों के हमले में जान गंवाने वालों को परिजनों के प्रति दुख जताया है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि, ''शहडोल जिले में विगत 3 दिनों में हाथियों के हमले में हुए 5 नागरिकों के दुःखद निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है.'' सीएम चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति एवं परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है. उन्होंने कहा कि, ''मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. मध्य प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों की हरसंभव सहायता करेगी.''
तहसीलदार दीपक पटेल ने मीडिया को बताया कि फॉरेस्ट विभाग की टीम पटाखों, ट्रेंकुलाइज गन और अन्य उपकरणों के साथ सात दिन से जंगल में हाथियों के पीछे लगी है. वन विभाग को उम्मीद है कि जल्द ही हाथियों का झुंड बांधवगढ़ पार्क में प्रवेश कर जाएगा. आसपास के 3 जिलों के डीएफओ के साथ पूरा वन अमला, राजस्व और पुलिस विभाग की टीम सात दिन से हाथियों के मूवमेंट को ट्रैक कर रही है. ये टीम हाथियों से 100 से 200 मीटर की दूरी पर पटाखा, ट्रेंकुलाइज गन, लाठी और मशाल लेकर चल रहे हैं ताकि गांव वालों को सचेत कर सकें.व न विभाग को उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक हथियों का झुंड बांधवगढ़ के जंगलों में घुस जाएगा.
फिलहाल, प्रशासन ने एहतियातन हाथियों के रास्ते में आने वाले 12 गांवों के 350 लोगों को पंचायत और स्कूल भवनों में शिफ्ट कर दिया है. यहां के युवा भी मदद कर रहे हैं और रात में हाथियों के मूवमेंट पर थाली बजाकर सूचना देते हैं. फॉरेस्ट अमला कह रहा है कि कुछ दिनों में ये सोननदी पार करके बांधवगढ़ की तरफ पनपथा रेंज पहुंच जाएंगे. तीन-चार माह वहां रहेंगे और फिर लौटकर संजयगांधी नेशनल पार्क की तरफ बढ़ेंगे. हर साल इनका ऐसा ही मूवमेंट रहता है.
शुक्रवार को भी हाथियों का झुंड बांसा होते हुए मोहनी ग्राम पंचायत पहुंचा है. रात में हाथी मोहनी के एक छोटे बांध में नहाते रहे. महुआ बीनने वाले गांव के लोगों को फिलहाल जंगलों में जाने से रोक दिया गया है. कलेक्टर वंदना वैद्य खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रही हैं.
बांधवगढ़, अनूपपुर के साथ शहडोल में जनकपुर के रास्ते से हाथियों ने प्रवेश किया है. हाथियों का मूवमेंट के साथ लगातार उत्पात भी बढ़ रहा है. 70 से ज्यादा हाथियों का मूवमेंट है. पिछले कुछ सालों में अब तक 17 लोगों की मौत हाथियों के हमले में हो चुकी है. हाथियों का ये झुंड बनास नदी पार कर वन परिक्षेत्र अमझोर के बीट चितरांव के जंगल में पहुंच गया है .इस दौरान हाथियों ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. मध्य प्रदेश के उमरिया और अनूपपुर में सबसे ज्यादा जंगली हाथियों का मूवमेंट है. सरकारी रिकार्ड के अनुसार पिछले 3 साल में उमरिया में 192 किसानों की फसल नुकसान हुई है. अधिकारियों के अनुसार 192 किसानों को 9 लाख 41 हजार 160 रुपए का मुआवजा दिया गया है.
मध्य प्रदेश में शहडोल संभाग के उमरिया बांधवगढ़ क्षेत्र और छत्तीसगढ़ से सटे अनूपपुर में सबसे ज्यादा जंगली हाथियों का मूवमेंट है. बांधवगढ़ क्षेत्र में 40 से ज्यादा जंगली हाथी झारखंड से छत्तीसगढ़ के रास्ते आए थे. अब बांधवगढ़ में बढ़कर 50 से ज्यादा हो गए हैं. इधर अनूपपुर में बिजुरी कोतमा और पेंड्रा मार्ग से लगातार हाथियों का मूवमेंट बना है. छत्तीसगढ़ के जनकपुर मार्ग से शहडोल के सीधी और ब्यौहारी क्षेत्र में हाथियों का झुंड घुस रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में ही 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, नहीं होगा बदलाव
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