जबलपुर में बिना अपराध के जेल में गुजारे 84 दिन, सजा किसी को और पड़ी, पेश किए गए दूसरे आरोपी, हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हुआ खुलासा

जबलपुर में बिना अपराध के जेल में गुजारे 84 दिन, सजा किसी को और पड़ी, पेश किए गए दूसरे आरोपी, हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हुआ खुलासा

प्रेषित समय :22:17:46 PM / Wed, Apr 13th, 2022

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के मंडला में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय ने तीन लोगों को सजा सुनाई, उनकी जगह पर तीन बेगुनाह को जेल भेज दिया गया. दूसरे के नाम पर 84 दिन तक सजा काटकर हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद एक व्यक्ति ने आज जबलपुर में एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से लिखित शिकायत की तो हड़कम्प मच गया.

एसपी श्री बहुगुणा को लिखित शिकायत देते हुए कोमलप्रसाद पांडेय उम्र 45 वर्ष निवासी सिहोरा ने बताया कि वह किसी दूसरे की सजा काटकर जमानत पर आया है. उसने बताया कि सितम्बर वर्ष 2011 में मंडला जिले के कान्हा किसली से कुछ दूर वन विभाग के टोल नाका ठेकेदार अमित खम्परिया व अन्य पार्टनर के नाम पर ठेका रहा, यहां पर पर्यटकों से अधिक रुपया वसूलकर मार्कर से राशि मिटाकर सही राशि भर दी जाती रही, इस मामले में शिकायत पर खटिया थाना में की गई, जिसपर पुलिस ने 8 सितम्बर 2011 को धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. जिसमें अमित खम्परिया उसके पिता अनिरुद्धसिंह चतुर्वेदी, मौसा रामजी द्विवेदी, रिश्तेदार दशरथ प्रसाद तिवारी, रज्जन, उमेश पांडेय, अमित पांडे, श्रीकांत शुक्ला, शनि ठाकुर, अजय बाल्मकी को आरोपी बनाया गया था. मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसमें सभी जमानत पर बाहर रहे, दस साल तक मंडला जिले की नैनपुर कोर्ट में प्रकरण चला, 22 सितम्बर को न्यायालय ने फैसला सुनाया, जिसमें आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा व जुर्माना लगाया था. 22 सितम्बर 2021 में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश डीआर अहिरवार की कोर्ट में अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी उम्र 70 वर्ष निवासी टिकुरी उमरिया, रामजी द्विवेदी 66 वर्ष निवासी सोनवारी मैहर सतना व दशरथ प्रसाद तिवारी 60 वर्ष निवासी टिकुरी उमरिया ही पेश हुए. अभियुक्तों में उमेश पांडे की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य फरार थे. तीनों अभियुक्तों को 84 दिन बाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है. पुलिस ने भी सभी के दस्तावेजों की जांच करने की कोशिश भी नहीं की. जिसके चलते अमित खम्परिया ने तीनों को बचाने के लिए साजिश रचते हुए दूसरे लोगों को पेश कर दिया, जिन्होने 84 दिन तक जेल में रहना पड़ा, फिर हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद एक कोमलप्रसाद पांडेय ने आज एसपी जबलपुर से मुलाकात कर हकीकत बताई तो हड़कम्प मच गया.

इन सजा पड़ी, इन्हे जेल में 84 दिन रहना पड़ा

-सजा अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी उम्र 70 वर्ष को सजा पड़ी, इनकी जगह कोमलप्रसाद पांडेय 45 वर्ष निवासी सिहोरा को जेल भेज दिया.
-सजा रामजी द्विवेदी को पड़ी, जेल पहुंचा दिया श्यामसुंदर खम्परिया को-
-सजा दशरथप्रसाद तिवारी को पड़ी, जेल गए विराट तिवारी निवासी ग्वारीघाट

सारी साजिश रची अमित खम्परिया ने-

ये सारी साजिश अमित खम्परिया ने रची है जिसने इन सभी के आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज में फर्जीवाड़ा कर पहचान तक बदल दी. मामला दस वर्ष पुराना था जिसके चलते पुलिस ने जांच नहीं की, ऐसे में असली आरोपियों के स्थान पर तीन लोगों को 84 दिन जेल में बिताना पड़े.

ऐसे जुडे थे अमित खम्परिया से, जिन्होने काटी है जेल-

बताया गया है कि अमित खम्परिया ने विराट तिवारी को साइकल स्टेंड का काम देता है, श्याम सुंदर रिश्तेदार है वहीं पिता के स्थान पर कोमलप्रसाद को धोखे से धमका कर पेश किया था, ऐसा कोमल प्रसाद ने एसपी को शिकायत करते हुए पूरी साजिश से पर्दा उठाया. ,
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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