सतना. मध्य प्रदेश के सतना जिले के अहिरगांव में लोगों ने पराली जलाई थी. धीरे-धीरे ये आग फैलती गई और 10 किमी दूर करही गौरा गांव तक पहुंच गई. इस आग की चपेट में दो दर्जन छोटे किसानों की खड़ी फसल जलकर राख हो गई. वे उस वक्त जानवरों के भूसे के लिए हाथों से फसल काट रहे थे.
इसके बाद इस आग ने करही गौरा गांव की आदिवासी बस्ती को चपेट में ले लिया. इस दौरान विकराल लपटों ने बैजनाथ विश्वकर्मा के कच्चे मकान को आगोश में ले लिया और देखते-देखते आग पूरे घर मे फैल गई और आग से बैजनाथ की पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो गई.
वहीं बैजनाथ की 80 साल की बुजुर्ग मां पार्वती की घर में ही जिंदा जल गई. उसका शरीर राख में तब्दील हो गया. मां को बचाने के चक्कर में बैजनाथ और उसका बेटा सुनील भी बुरी तरह झुलस गए. जब तक स्थानीय लोग आग पर काबू पाते, तब तक सब कुछ खाक हो गया था.
वहीं बताया जा रहा है कि बैजनाथ को शनिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान के लिए एक लाख की किश्त मिली थी, वह भी जल गई. इतना ही नहीं गौरा गांव ने एक दर्जन किसानों की फसल भी जलकर राख हो गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी: छात्रा से मोबाइल पर अश्लील बातें करता था प्राचार्य, ऑडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने किया गिरफ्तार
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