जन्मपत्री के अनुसार आकस्मिक दुर्घटना के योग

जन्मपत्री के अनुसार आकस्मिक दुर्घटना के योग

प्रेषित समय :20:03:31 PM / Sun, May 15th, 2022

ज्योतिष के दृष्टिकोण से कुछ विशेष ग्रह योग ही एक दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं तो आज हम एक्सीडेंट या दुर्घटना के पीछे की ग्रह स्थितियों के बारे में चर्चा करेंगे....
"ज्योतिष में "मंगल" को दुर्घटना, या चोट लगना, हड्डी टूटना, जैसी घटनाओं का कारक ग्रह माना गया है
 "राहु" आकस्मिक घटनाओं को नियंत्रित करता है इसके आलावा "शनि" वाहन को प्रदर्शित करता है तथा गम्भीर स्थितियों का प्रतिनिधित्व करता है.
अब यहाँ विशेष बात यह है की अकेला राहु या शनि दुर्घटना की उत्पत्ति नहीं करते जब इनका किसी प्रकार मंगल के साथ योग होता है तो उस समय में दुर्घटनाओं की स्थिति बनती है. 
शनि,मंगल और राहु,मंगल का योग एक विध्वंसकारी योग होता है जो बड़ी दुर्घटनाओं को उत्पन्न करता है. जिस समय गोचर में शनि और मंगल एक ही राशि में हो,
 आपस में राशि परिवर्तन कर रहे हों या षडाष्टक योग बना रहे हों तो ऐसे समय में एक्सीडैंट और सड़क हादसों की संख्या बहुत बढ़ जाती है ऐसा ही राहु मंगल के योग से भी होता है. 
जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि,मंगल और राहु,मंगल का योग होता है उन्हें जीवन में बहुत बार दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है अतः ऐसे व्यक्तियों को वाहन आदि का उपयोग बहुत सजगता से करना चाहिए. 

किसी व्यक्ति के साथ दुर्घटना होने में उस समय के गौचर ग्रहों और ग्रह दशाओं की बड़ी भूमिका होती है जिसकी चर्चा हम आगे कर रहें हैं"
कुछ विशेष योग-

1. यदि कुंडली में शनि मंगल का योग हो और शुभ प्रभाव से वंचित हो तो जीवन में चोट लगने और दुर्घटनाओं की स्थिति बार बार बनती है.
2. शनि मंगल का योग यदि अष्टम भाव में बने तो अधिक हानिकारक होता है ऐसे व्यक्ति को वाहन बहुत सावधानी से प्रयोग करना चाहिए.
3. यदि कुंडली में शनि और मंगल का राशि परिवर्तन हो रहा हो तब भी चोट आदि लगने की समस्या समय समय पर आती है.
4. कुंडली में राहु, मंगल की युति भी दुर्घटनाओं को बार बार जन्म देती है यह योग अष्टम भाव में बनने पर बहुत समस्या देता है.
5. यदि मंगल कुंडली के आठवें भाव में हो तो भी एक्सीडेंट आदि की घटनाएं बहुत सामने आती हैं.
6. मंगल का नीच राशि (कर्क) में होना तथा मंगल केतु का योग भी बार बार दुर्घटनाओं का सामना कराता है.

दुर्घटना काल-
एक्सीडैंट की घटनाएं कुछ विशेष ग्रहस्थिति और दशाओं में बनती हैं-

1. व्यक्ति की कुंडली में मंगल जिस राशि में हो उस राशि में जब शनि गोचर करता है तो ऐसे में एक्सीडैंट की सम्भावना बनती हैं.
2. कुंडली में शनि जिस राशि में हो उस राशि में मंगल गोचरवश जब आता है तब चोट आदि लगने की सम्भावना होती है.
3. जब कुंडली में मंगल जिस राशि में हो उसमे राहु गोचर करे या राहु जिस राशि में कुंडली में स्थित हो उसमे मंगल गोचर करे तो भी एक्सीडैंट की स्थिति बनती है.
4. जब जन्मकुंडली में दशावश राहु और मंगल का योग हो अर्थात राहु और मंगल की दशाएं एक साथ चल रही हों ( राहु में मंगल या मंगल में राहु ) तो भी एक्सीडेंट होने का योग बनता है ऐसे समय में वाहन चलाने में सतर्कता बरतनी चाहिए.

बचाव के उपाय-
यदि आपकी कुंडली में उपरोक्त ग्रहस्थितियां बन रही हैं या बार बार दुर्घटनाओं का सामना हो रहा है तो यह उपाय श्रद्धा से करें लाभ होगा. ..
1. हनुमान चालीसा और संकटमोचन का पाठ प्रतिदिन करें.
2. शनिवार को हनुमान जी को मंदिर में चोला चढ़ाएं.
3. प्रत्येक मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं.
4. ॐ अंग अंगरकाय नमः का एक माला जाप रोज करें.

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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