जबलपुर. मध्य प्रदेश छात्र संघ के द्वारा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलसचिव कार्यालय में जमकर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कुल सचिव ब्रजेश सिंह को छात्रों ने ज्ञापन सौंपा. वहीं छात्रों की प्रमुख मांग, भ्रष्ट अधिकारी इंजीनियर विनोद जारोलिया की जांच कर निलंबित किया जाए. हाल ही में इसका खामियाजा विश्वविद्यालय के छात्रावास की छज्जा गिरने से छात्राओं को भुगतना पड़ा. इंजीनियर विनोद जारोलिया के कार्यकाल में जितनी भी बिल्डिंग का निर्माण हुआ है वह गुणवत्ता युक्त नहीं है ंएवं किसी भी बिल्डिंग की लेबोरेटरी जांच नहीं कराई गई, वहीं अध्यक्ष अभिषेक पांडे ने कुलसचिव को विनोद जारोलिया की नियुक्ति में की गई धांधली का प्रमाण पेश किया.
छात्र संघ ने आरोप लगाया कि कार्यपरिषद की बैठक दिनांक 4 दिसंबर 2000 विषय क्रमांक 7 में विनोद जारोलिया ड्राफ्ट्समैन निर्णय लिया गया की पद परिवर्तन के संबंध में मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर के अनुमोदन प्राप्त किया जाए उक्त के संबंध में शासन से कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ. पुन: कार्यपरिषद की बैठक दिनांक 19 मार्च 2001 के पद क्रमांक 5 में पुन: प्रस्तुत किया गया. जहां पर निर्णय लिया गया कि शासन के निर्देश अनुसार एवं शासन की शर्तों के अधीन मान्य किया गया. शासकीय नियम अनुसार पद परिवर्तन हेतु शासन की पूर्व अनुमति आवश्यक होती है, परंतु विश्वविद्यालय द्वारा पद परिवर्तन के लिए शासन की अनुमति नहीं ली गई.
4 दिसंबर 2000 की कार्यपरिषद में प्रस्तुत विनोद जारोलिया के प्रकरण में उल्लेख है कि पद परिवर्तन का प्रकरण पूर्व में समन्वय समिति की स्थाई समिति के विचारण में रखा गया था, जिससे समन्वय समिति की स्थाई समिति द्वारा प्रकरण अमान्य किया गया था.
मध्य प्रदेश शासन के नियम में उल्लेख है कि विभाग में कार्यरत डिप्लोमा/डिग्री धारी सहायक मानचित्र कारों को समिति प्रतियोगिता परीक्षा से पद भरे जाएंगे, परंतु इनकी कोई परीक्षा नहीं ली गई. विवि के आदेश क्रमांक स्थापना/2001/623 दिनांक 20/ 11/ 2001 में उल्लेख है कि प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के आदेश दिनांक 20/7/1991 के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्देशानुसार तथा शासन की शर्तों के अधीन पद परिवर्तन किया गया परंतु उनकी नियम की शर्त क्रमांक 9 में वर्णित है कि विभाग में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि में 3 वर्ष के अंदर विभागीय परीक्षा इंजीनियरिंग एवं लेखा विषयों में उत्तीर्ण करनी होगी, अन्यथा सेवा निरस्त योग्य होगी, तथा तीसरी वेतन वृद्धि स्वीकृत नहीं होगी. श्री विनोद जारोलिया की नियुक्ति में समन्वय समिति की स्थाई समिति में लिए गए निर्णय के ठीक विपरीत इनका पद परिवर्तन किया गया है जो कि एक प्रकार से समन्वय समिति के स्थाई समिति की अवहेलना है जिसके अध्यक्ष माननीय कुलाधिपति राज्यपाल होते हैं.
एमपीएसयू ने की अन्य मांग
- लंबे समय से संपूर्ण महाकौशल संवाद के छात्रों की मांग रही है कि विश्वविद्यालय द्वारा यूटीडी में 3 वर्षीय पाठ्यक्रम इस सत्र में आरंभ किया जाए. दिनांक 25/4/2022 को नरसिंहपुर जिले की पीजी कॉलेज का पेपर आउट हुआ था जिस पर विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई एवं साइबर क्राइम को भी सूचित नहीं किया.
-प्राध्यापक इंदु ठाकुरद्वारा दो जगह पढ़ाने एवं पीएचडी कराई गई जो कि कोड 28 के बेस पर पीएचडी कराएं उसी 17 में यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जो कि आर्थिक अपराध है. संगठन के पदाधिकारियों ने रजिस्ट्रार को चेताया कि उपरोक्त 4 सूत्रीय मांगों पर तत्काल कार्रवाई की जाना सुनिश्चित करें अन्यथा एमपी स्टूडेंट यूनियन उग्र आंदोलन करने हेतु बाद योगा एवं माननीय न्यायालय की शरण लेगा, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा.
आज के ज्ञापन में अध्यक्ष अभिषेक पांडे छात्र नेता अमन तिवारी, ईशु सिंह, आकाश खरे, शिवांशु अवस्थी, आदित्य चौरसिया, अंकित प्यासी, ऋतिक असाटी, अमन पटेल कार्तिक चौरसिया, अनिकेत चक्रवर्ती, सचिन चक्रवर्ती, सृजन तिवारी, यशराज अवस्थी, चरनप्रीत कलसी, सचिन ठाकुर, शुभ असाटी, आकाश ठाकुर आदि भारी संख्या में सैकड़ों छात्र उपस्थित थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बड़ा हादसा, बांध में डूबने से चार बच्चों की मौत
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