- शनि का कुंडली के भौतिक सुख देने वाले भाव में बैठना
एक प्रकार का दुर्योग है जो समस्या पैदा करता है.
- शनि का नीच राशि में पाया जाना भी समस्या का बड़ा
कारण बनता है.
- शनि का राहु या मंगल से सम्बन्ध होने पर दुर्घटना का
प्रचंड दुर्योग बनता है.
- शनि का सूर्य से सम्बन्ध होने पर सर्प योग बनता है जो
पिता-पुत्र के लिए घातक दुर्योग है.
- शनि का चन्द्रमा से सम्बन्ध होने पर विष योग होता है
जो व्यक्ति को वैराग्य और असफलताओं की ओर ले
जाता है.
शनि से बनने वाले शुभ योग या राजयोग और उनका प्रभाव?
- शनि अगर कुंडली के तीसरे, छठवें या ग्यारहवें भाव में स्थित हो तो व्यक्ति को अति पराक्रमी बनाता है.
- शनि अगर उच्च राशि या मूल त्रिकोण राशि में हो तो "शश" नामक पंचमहापुरुष योग बनता है.
- शनि अगर बृहस्पति की राशि में हो तो भी व्यक्ति अपार नाम-यश अर्जित करता है.
- शनि बृहस्पति और शुक्र के संयोग से "अंशावतार" नामक योग बनता है, जो व्यक्ति को दैवीय बना देता है.
Astro SIta Mishra
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जन्म कुंडली के ये 10 घातक योग, तुरंत करें ये उपाय
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