पलपल संवाददाता, भोपाल/जबलपुर. मध्यप्रदेश में एक बार आमजन को अपने आप को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरुरत है, क्योंकि कोरोना की तरह मंकी पॉक्स नामक बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ गया है, एमपी के स्वास्थ्य आयुक्त ने भी सभी जिलों के कलेक्टर, सीएमएचओ व सिविल सर्जन को मंकी पॉक्स को लेकर एडवायजरी जारी की है, मंकी पॉक्स के लक्ष्ण, संदिग्ध मरीजों की सेम्पलिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट को लेकर गाइड लाइन भी भेजी है, विशेषज्ञों का कहना है कि जानवरों से इंसानों में व कोरोना के जैसे एक से दूसरे व्यक्ति में इसके संक्रमण के फैलने का खतरा है.
बताया गया है कि मंकी पॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो पश्चिम-मध्य अफ्रीका के वन क्षेत्रों में होती है, जिसके लक्ष्ण आमतौर पर दो से चार सप्ताह में समाप्त हो जाते है, गंभीर मामलों में इसकी मृत्यु दर एक से दस प्रतिशत तक है, यह वायरस जानवरों से इंसानों में व एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, यह वायरस कटी त्वचा, आंख, नामक व मुंह के जरिए शरीर में प्रविष्ठ होता है. संक्रमित पशु से आदमी में वायरस का प्रसार काटने, खरोचने, घाव से सीधे व अप्रत्यक्ष संपर्क जैसे गंदे कपड़े, चादर व बिस्तर से भी हो सकता है. यदि लक्ष्णों की बात की जाए तो मंकी पॉक्स के संक्रमित मरीज को रैशेज, बुखार, सूजन पाई , खरोंच व पानीदार दाने आते है, ऐसे में तत्काल डाक्टर से संपर्क किया जाए. जाती है. अभी तक मंकी पॉक्स 21 देशों में फैल चुका है, जिसमें 330 मामलों की पुष्टि भी हो चुकी है, लगातार खतरा बढ़ रहा है, हालांकि अभी तक एमपी या फिर देश में मंकी पॉक्स का कोई मरीज नहीं मिला है, फिर भी सतर्कता जरुरी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी: खेत में मिला ऐसा पेड़ जिसके फल में हुआ बम की तरह विस्फोट, उड़ी किसान की उंगली
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