जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे में चार बड़े जोनल रेलवे के बाद पैसिंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) की शुरुआत कर दी गई है. इससे पहले भारतीय रेल की सभी पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) गतिविधियों को मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और सिकंदराबाद के 5 डेटाबेस द्वारा प्रबंधित किया जाता था. वर्तमान में सिकंदराबाद पीआरएस डेटाबेस को चेन्नई में मिला दिया गया है, जिससे केवल चार पीआरएस डेटाबेस द्वारा पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) में उपलब्ध सभी आरक्षित ट्रेनों की हर गतिविधि संचालित की जा रही है.
यह उल्लेखनीय कार्य महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता एवं प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक, मुकुल सरन माथुर के कुशल मार्गदर्शन में संभव हुआ है. पमरे ने स्व संसाधनों और स्टाफ एवं डेटाबेस मुंबई के समस्त अफसरों व स्टाफ के समर्थन के साथ यह कामयाबी हासिल की है.
भारतीय रेलवे में ट्रेनों की बढ़ती संख्या एवं प्रकार एवं पीआरएस गतिविधियों में वृद्धि और मौजूदा चार डेटाबेस पर कार्य भार को कम करने के लिए ट्रेन फायरिंग गतिविधियों के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता थी जिसे रेलवे बोर्ड ने नये डेटाबेस शुरुआत करने की स्वीकृति दी.
16 जोनल रेलवे में से रेलवे बोर्ड द्वारा अपने समय के डेटाबेस निर्माण के लिए पश्चिम मध्य रेल का चुनाव किया गया, ताकि पश्चिम मध्य रेल से प्रारंभ होने वाली सभी ट्रेनों की ट्रेन फायरिंग गतिविधियों (जैसे नई ट्रेनों की शुरुआत, हॉलीडे स्पेशल की फायरिंग, ट्रेनों का डायवर्सन और अन्य आरक्षण संबंधित गतिविधियों) को समय सीमा के अंदर सुचारू रूप से क्रियान्वित किया जा सके. पहले यह सभी कार्य मुंबई डेटाबेस द्वारा किया जाता था.
दिनांक 31 मई 2022 को पमरे (मध्य रेल, उत्तर रेल, दक्षिण रेल, पूर्व रेल को छोड़कर) ने पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) डेटाबेस रखने वाला रेलवे जोन बन गया है. भारतीय रेल के इतिहास में यह उल्लेखनीय कार्य लगभग 20 वर्षों से अधिक समय के अंतराल के बाद हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलवे भर्ती 2022 : 10वीं पास के लिए 3612 पदों पर भर्तियां, नहीं होगी कोई परीक्षा
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