जबलपुर. भारतीय रेलवे की सौर ऊर्जा पहल को अब अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिल रही है और पुरस्कार भी मिल रहे हैं. 1 जून 2022 को जर्मनी के शहर बर्लिन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सस्टेनेबल रेलवे अवॉड्र्स के अंतर्गत भारतीय रेलवे के बीना सोलर प्लांट को प्लेनेट कैटेगरी की बेस्ट यूज़ ऑफ जीरो कार्बन टेक्नोलॉजी के अंतर्गत पुरस्कार हासिल हुआ है. बीना में सोलर एनर्जी से 25 एसी ट्रैक्शन सिस्टम को सीधे फीड करने के लिए यह पुरस्कार मिला है. ये पुरस्कार मिलना पश्चिम मध्य रेलवे के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतीय रेल के लिए गौरव की बात है. पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता ने पमरे के सभी रेल अधिकारियों एवं रेलकर्मचारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी है.
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि यूआइसी इंटरनेशनल नाम की संस्था रेलवे सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार प्रदान करती है. इसके अंतर्गत इन्नोवेशन इन मोबिलिटी दैट डिलीवर्स सोशल (पीपुल), एनवायरमेंटल (प्लेनेट) एवं इकॉनामी (प्रोस्पेरिटी) आदि के लिए अवार्ड प्रदान किए जाते हैं. प्लेनेट कैटेगरी के अन्तर्गत जीरो कॉर्बन टेक्नॉलॉजी का बेहतरीन उपयोग की स्पर्धा में साओ पॉलो मेट्रो रेलवे, ईस्ट जापान रेलवे कम्पनी तथा भारतीय रेलवे दौड़ में शामिल थे. जिसमें भारतीय रेलवे ने अन्य को दो प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ते हुए बाजी मारी और पश्चिम मध्य रेल के बीना में स्थित सोलर प्लांट से 25 केवी एसी ट्रैक्शन सिस्टम को सीधे फीड करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल किया है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों का चयन यूआइसी की जानी मानी हस्तियां तथा रेलवे से जुड़े विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ पुरस्कारों के चयन की जूरी में शामिल रहते हैं. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय सस्टेनेबल रेलवे अवॉर्ड के अंतर्गत भारतीय रेलवे को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए माह फरवरी 2022 मे पश्चिम मध्य रेल के बीना सोलर प्लांट को और उससे संबंधित मिशन विद्युतिकरण को प्रमुख वैश्विक पुरस्कारों की दौड़ में शामिल कर लिया गया था.
बीना सोलर प्लांट की विशेषताएं
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे में पर्यावरण संरक्षण के लिए सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन सोलर एनर्जी की पहल पर पश्चिम मध्य रेल में अनेक कार्य किये जा रहे हैं. बीना सोलर प्लांट में 1.7 मेगावॉट सोलर पॉवर प्लांट की क्षमता में 5800 सोलर मॉड्यूल है. 1015 पाइल फाउंडेशन का उपयोग करके मॉड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर के 145 सेटों पर माउन्ट लगाए गए है. 400 वोल्ट एल्टरनेटिव करेंट (एसी) को स्टेपप कर 25 किवी एसी में दो ट्रैक्शन ट्रांसफार्मर के द्वारा फीड किया जाता है. अंडर ग्राउंड ट्रांसमिशन केबल के द्वारा 25 केवी एसी ट्रैक्शन सब सेक्शन और ओएचई में सप्लाई करती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोटा में रेलवे स्टेशन के सिग्नल पैनल पर आकर बैठ गया कोबरा सांप, मौजूद स्टाफ के उड़े होश
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