दिल्ली. मोदी सरकार ने पड़ोसी देश के किसी इंडिविजुअल व्यक्ति को किसी भारतीय कंपनी का निदेशक बनाने को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं. चीन समेत अन्य पड़ोसी देशों से किसी इंडिविजुअल को भारतीय कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर बनाने के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भारत की सीमा से लगे देशों की कंपनियों और इंडिविजुअल्स की योग्यता से जुड़े नियमों में कई संशोधन किया था. भारतीय सीमा से लगे देश चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान हैं.
सरकार ने कंपनी एक्ट, 2013 के तहत निदेशकों को नियुक्ति और योग्यता से जुड़़े नियमों में बदलाव किया है. इसके मुताबिक अब अगर भारतीय सीमा से लगे किसी देश का कोई नागरिक भारतीय कंपनी में निदेशक के तौर पर जुडऩा चाहता है तो इसके लिए उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना अनिवार्य होगा.
यह नियम एक जून से प्रभावी हो चुका है. जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक बिना जरूरी सिक्योरिटी क्लियरेंस के अगर एप्लीकेशन सबमिट होता है तो डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर के लिए आवेदन पर एप्लीकेशन नंबर जेनेरेट नहीं होगा.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार पड़ोसी देश से निवेश को लेकर पहले ही नियम सख्त कर चुकी है. पिछले महीने 5 मई को मिनिस्ट्री ने भारतीय सीमा से लगे देशों की कंपनियों और नागरिकों को भारतीय कंपनियों में निवेश से पहले मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया. इसमें प्रॉस्पेक्टस और सिक्योरिटीज के अलॉटमेंट से जुड़े नियमों में संशोधन भी शामिल है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश में अब निवेश के लिए सही माहौल, कोरोना काल में भी नहीं रुका विकास: पीएम मोदी
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