पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में महापौर पद के दावेदारों के मामले में कांग्रेस इस बात कोई भी रिस्क लेना नहीं चाह रही है, जिसके चलते एक बार फिर 9 जून को कांग्रेस की भोपाल में बैठक आयोजित होगी, जिसमें महापौर के प्रत्याशी पर निर्णय लिया जाएगा, हालांकि भोपाल, इंदौर व उज्जैन के प्रत्याशी करीब-करीब तय हो चुके है, लेकिन जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा व मुरैना को लेकर एक बार फिर विचार मंथन होगा, वहीं जिलों की नगर पालिका व नगर परिषद पार्षदों की लिस्ट भी फाइनल की जाएगी.
बताया गया हे कि भोपाल में होनी वाली प्रदेश स्तर की बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, अजयसिंह राहुल, सुरेश पचौरी, अरुण यादव सहित कई बड़े नेता शामिल होगें, जिनके बीच रायशुमारी के बाद ही फैसला लिया जाएगा, इसके अलावा जिन नगर निगम में सिंगल नाम है उन्हे सबकी सहमति लेकर फाइनल किया जाएगा, चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि एमपी में 16 नगर निगम है जिसमें जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर व उज्जैन महत्वपूर्ण है, ऐसा भी कहा जा रहा है कि भोपाल, इंदौर व उज्जैन के दावेदार तो लगभग फाइनल है लेकिन जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, मुरैना पर फिर से विचार मंथन होगा और हो सकता है इन सीटों से विधायकों को मौका दिया जाए, क्योंकि इंदौर से संजय शुक्ला का नाम फाइनल है वे अभी विधायक है, वहीं तराना विधायक महेश परमार उज्जैन में महापौर पद के प्रत्याशी होगें, भोपाल में विभा पटैल है जो पूर्व महापौर रह चुकी है, ग्वालियर, सागर, मुरैना, रीवा व सागर से भी नाम करीब करीब तय रहे लेकिन फिर इन सीटों पर मंथन होगा, यदि जबलपुर की बात की जाए तो जगतबहादुरसिंह अन्नू का नाम फाइनल रहा, वे वर्तमान में जबलपुर नगर कांग्रेस के अध्यक्ष भी है. खबर है कि नगरीय निकाय में महापौर व पार्षद के 11 जून से पहले नामाकंन भरना शुरु होगें, जो 18 जून तक चलेगें, नामाकंन भरने की तारीख शुरु होने से पहले सभी सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित कर देगी, इस बार जिलों से ही फाइनल नाम की लिस्ट मांगी गई है, जिला स्तर पर समन्वय समितियां बनाई गई है जिसमें जिला अध्यक्ष के अलावा सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक का पिछला चुनाव लड़ चुके उम्मीदवार, राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर के पार्टी पदाधिकारी, सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल किए गए है, ये ही नगर पालिका, नगर परिषद पद के दावेदारों के नारम पर विचार विमर्श करके फाइनल लिस्ट भोपाल भेजेगें, पार्षदों में से ही अध्यक्ष का चुनाव होगा, जिसके चलते आरक्षण को देखते हुए ऐसे पार्षद भी तय किए जाएगें, जो अध्यक्ष बन सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश में 1000 चिकित्सकों की सीआर गायब, प्रमोशन लिस्ट तैयार करने पर हुआ खुलासा
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