नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद परवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी. माकपा नेता वृंदा करात और नेता केएम तिवारी ने एक निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की थी. याचिका में भाजपा नेताओं के खिलाफ कथित तौर पर सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान नफरत भरे भाषण देने के लिए केस दर्ज करने की मांग की गई थी.
निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि रिट याचिका सुनवाई योग्य थी. कानून की स्थापित स्थिति के साथ प्रभावी वैकल्पिक उपाय के अस्तित्व पर न्यायिक फैसलों को देखते हुए उसपर विचार नहीं किया जा सकता था. कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ताओं के पास रिट याचिका दायर करने के बजाय वैकल्पिक कानूनी उपाय हैं.
बता दें अगस्त 2021 में ट्रायल कोर्ट ने इस आधार पर शिकायत को खारिज कर दिया था. यह टिकाऊ नहीं है क्योंकि सक्षम प्राधिकारी, केंद्र सरकार से अपेक्षित मंजूरी प्राप्त नहीं हुई थी. सोमवार को दिल्ली न्यायालय ने सहमति व्यक्त की. कहा कि इस तरह की याचिका पर विचार करने से पहले सरकार से मंजूरी आवश्यक है. कोर्ट बिना इजाजत के जांच का आदेश नहीं दे सकती है.
हालांकि अदालत ने कहा कि जो लोग नेता हैं और उच्च पदों पर आसीन हैं. उन्हें खुद जिम्मेदारी के साथ आचरण करना चाहिए. वे समाज के लिए आदर्श हैं. कोर्ट ने आगे कहा, नेताओं के लिए समाज के सामाजिक ताने-बाने को बाधित करने वाले भाषण देना शोभा नहीं देता.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मौसम विभाग का इन राज्यों में भारी बारिश का एलर्ट, यूपी, बिहार, दिल्ली से मानसून अभी दूर
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