एमपी के 27 अस्पतालों में मिली आयुष्मान योजना में गड़बड़ी, सरकार नहीं देगी अनुदान राशि

एमपी के 27 अस्पतालों में मिली आयुष्मान योजना में गड़बड़ी, सरकार नहीं देगी अनुदान राशि

प्रेषित समय :10:05:41 AM / Sat, Jun 18th, 2022

भोपाल. मध्य प्रदेश के अनेक अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना में बड़ी गड़बड़ी मिली है. जिसके बाद सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों में मुख्यमंत्री सुरक्षा अनुदान की राशि नहीं दी जाएगी. प्रदेश भर में ऐसे 27 अस्पतालों में अनियमितता मिली है.  इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त लहजे में कहा इस योजना में जो भी गड़बड़ी करे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. ऐसे लोगों को जेल भेजने में भी परहेज न किया जाए.

आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा को लेकर सीएम चौहान ने कहा आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नही किया जाएगा. उन्होंने फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. प्रदेश भर के 27 अस्पतालों में अनियमितता मिली हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत अभी तक 12 जिलों के प्रकरणों की जांच की गई है. इसमें संदिग्ध 84 अस्पतालों की सूक्ष्म जांच और ऑडिट कराया गया है. प्रारंभिक जांच में 27 अस्पतालों में अनियमितताएं मिली हैं. उन पर कार्रवाई की जा रही है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे. यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है. घोटाला करने वालों की केवल गिरफ्तारी ही नहीं  होगी बाकी अन्य गतिविधियों की भी जांच कराई जाएगी. स्वास्थ्य विभाग दल बनाकर निजी अस्पतालों की जांच कराए. संदिग्ध पाए गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी. कॉल सेंटर मरीजों से पूछताछ करें कि वो भर्ती हैं या नहीं हैं. प्रदेश के 27 अस्पतालों में कमियां सामने आई हैं. जिन पर कड़ी कारज़्वाई करें ताकि आगे अस्पतालों में इस तरह का फजीवज़ड़ा ना हो.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका दास ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को बताया कि आयुष्मान से संबद्ध अस्पतालों का औचक निरीक्षण कराया जा रहा है. अस्पतालों की क्लेम की गई भर्ती मरीजों की संख्या, इलाज का पैसा, बीमारी के अनुसार मरीजों का इलाज कराया गया है या नहीं और इलाज की उतनी ही राशि क्लेम की गयी या ज्यादा इन सब पहलुओं की जांच की जा रही है.

इलाज में गुणवत्ता का ध्यान रखने की भी जांच की गयी है. जांच में पाया गया कि प्रदेश के कुछ अस्पतालों ने जरूरत से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया है. फर्जी मरीजों के दस्तावेज पोर्टल पर सबमिट किए गए हैं. जांच टीम ने सभी प्रकरणों पर एफआईआर और उचित विधिक कार्रवाई कराई है. अयुष्मान भारत मध्यप्रदेश में फर्जीवाड़ा करने वाले को योजना से हटाने की कार्रवाई कर रहा है. जिन भी अस्पतालों में मरीजों का नि:शुल्क इलाज ना कर अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है ऐसे मामलों में तीन गुना अतिरिक्त जुर्माना वसूला जा रहा है. अस्पतालों की जांच का लगातार जारी रहेगी. मरीजों से इलाज के दौरान और बाद में फीडबैक लिया जा रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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