जबलपुर. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की युगलपीठ ने एकलपीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें पन्ना जिले की अजयगढ़ जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष भरत मिलन पांडे पर छह साल के लिए चुनाव लडऩे से अयोग्यता के आदेश को निरस्त कर दिया गया था. एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने युगलपीठ में अपील की थी. अपील पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले को मेरिट पर सुनने के लिए एकलपीठ को वापस भेज दिया.
भरत मिलन पांडे पर सीएमओ व अन्य शासकीय कर्मियों को धमकी देने और मारपीट का आरोप था. पन्ना कलेक्टर व सागर कमिश्नर ने पांडे को पद से हटा कर छह वर्ष के लिए चुनाव से लडऩे के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. पांडे ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की. एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कहा कि पंचायत राज अधिनियम की धारा-40 के तहत कोई जांच नहीं की गई, इसलिए कलेक्टर व कमिश्नर के आदेश उचित नहीं है. एकलपीठ ने उक्त आदेशों को निरस्त कर दिया था. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से युगलपीठ के समक्ष अपील प्रस्तुत की. शासन की ओर से उपमहाधिवक्ता अमित सेठ ने बताया कि भरत मिलन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और जांच भी की गई थी. जांच में वह शामिल भी हुआ था. उन्होंने इसके प्रमाण स्वरूप कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि रिकार्ड को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि जांच नहीं हुई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्य प्रदेश में बड़ा उलटफेर: भाजपा में शामिल हुए सपा-बसपा के तीन विधायक
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