बागपत. मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को बागपत में अग्निपथ योजना का खुलकर विरोध किया. उन्होंने कहा, यह योजना जवानों के खिलाफ है. यह उनकी उम्मीदों के साथ धोखा है. 6 महीने की ट्रेनिंग, 6 महीने की छुट्टी और 3 साल की नौकरी के बाद जब जवान घर लौटेगा तो उसकी शादी तक नहीं होगी.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को बागपत के खेकड़ा कस्बे में थे. वो अपने दोस्त गजे सिंह दहामा के देहांत पर उनके परिवार को सांत्वना देने आए थे. उन्होंने केंद्र सरकार को पुरानी योजना के अनुसार ही सेना में भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की सलाह दी है.
रिटायरमेंट के बाद कश्मीर पर किताब लिखूंगा
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, मैं रिटायरमेंट के बाद राजनीति नहीं करूंगा. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है. न ही मैं चुनाव लड़ूंगा. पद मुक्त होते ही कश्मीर पर किताब लिखूंगा. किसानों, नौजवानों की आवाज बनूंगा. उनके लिए संघर्ष करूंगा. राज्यपाल सत्यपाल मलिक 12 बजे बागपत पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी के बाद अपने दोस्त की फोटो पर फूल चढ़ाए. उन्होंने गजे सिंह दहामा के बेटे के सिर पर हाथ रखा. उसके बाद परिवार के लोगों को सांत्वना दी. उन्होंने अपने दोस्त के साथ बिताए गए पलों को गांव के लोगों को बताया. 40 मिनट रुकने के बाद वो वापस दिल्ली लौट गए. राजपाल की सुरक्षा के लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात रहा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी: पहले चरण के लिए वोटिंग जारी, बागपत और मेरठ में इवीएम में खराबी से मतदान बाधित
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