मुंबई. महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे, शिवसेना के बागी विधायकों और मंत्रियों को तुरंत गुवाहाटी से राज्य में लौटने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कर्तव्य पालन में चूक के लिए बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है. आज सोमवार को सीजे दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस याचिका का उल्लेख किया गया.
पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश किए गए पूर्वाभ्यास को देखने के बाद सुनवाई की तारीख देगी. जनहित याचिका में कहा गया है कि मंत्री अपने कर्तव्यों की उपेक्षा कर रहे हैं, जिससे नागरिकों के अधिकारों की अनदेखी हो रही है. इसमें कहा गया है कि मंत्रियों द्वारा जानबूझकर अनुपस्थिति एक ऐसा आचरण है, जो नागरिकों के अधिकारों को प्रभावित करता है, विशेष रूप से बारिश के मौसम में किसानों और शहरी मुद्दों से संबंधित मामलों में.
गौरतलब है कि गत 22 जून से शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे, अन्य 40 विधायकों के साथ गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में डेरा डाले हुए हैं. शिंदे गुट की शुरुआती मांग थी कि उद्धव ठाकरे महा विकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर निकलें और भाजपा के साथ सरकार बनाएं. लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ने बागी विधायकों को साफ संदेश दे दिया कि वह एमवीए गठबंधन से बाहर निकलकर भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. अगर विधायक जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं.
शिंदे गुट का आरोप है कि एमवीए शिवसेना को समाप्त कर रही है, दूसरी ओर राकांपा और कांग्रेस मजबूत हो रहे हैं. शिवसेना के बागी विधायकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री उनका होने के बावजूद उन्हें उपेक्षित किया जाता रहा. उद्धव ठाकरे विधायकों को मिलने का समय नहीं देते थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हाईकोर्ट से पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष को झटका, छह वर्ष के लिए चुनाव लडऩे के लिए अयोग्यता का मामला
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