प्रदीप द्विवेदीः इससे पहले की जनता सम्मान-रेखा लांघे, सुप्रीम कोर्ट विभिन्न अदालतों के फैसलों की समीक्षा करे?

प्रदीप द्विवेदीः इससे पहले की जनता सम्मान-रेखा लांघे, सुप्रीम कोर्ट विभिन्न अदालतों के फैसलों की समीक्षा करे?

प्रेषित समय :20:45:16 PM / Fri, Jul 8th, 2022

जन की बात 

देश की जनता ही नहीं, राजनेता भी आज अदालत के फैसलों से सहमत हों या नहीं हों, सम्मान करते हैं, स्वीकार करते हैं, लेकिन क्या विभिन्न फैसलों को लेकर आमजन में बेचैनी बढ़ नहीं रही है?

जनता की आंखों के सामने कानून के संग लगातार सियासी खेला हो रहा है, लेकिन न्यायतंत्र की खामोशी आश्चर्यजनक है?

न्यायतंत्र के सर्वोच्च पदों पर बैठे अधिकारी विचार करें कि सबकुछ इसी तरह से चलता रहा तो न्यायपालिका की साख कब तक बचेगी?

इन आठ वर्षो में कानून से खेलनेवाले ऑपरेशन लोटस जैसे सियासी खरीद-फरोख्त से जुड़े राजनीतिक अभियानों के खिलाफ कभी कोई फैसला आया है?

क्या कोई ऐसा फैसला आया है जिसकी तुलना आपातकाल से पहले हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ किए गए फैसले से की जा सके?

देेश के प्रमुख लेखक, कार्टूनिस्ट लगातार सम्मानजनक तरीके से देश में फैल रहे सियासी कीचड़ में खिलते कमल की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन क्या न्यायतंत्र यह सब देख नहीं पा रहा है?

ताजा, महाराष्ट्र का ही उदाहरण लें, क्या वहां सबकुछ न्यायिक तरीके से हुआ है?

देश की आमजनता ने प्रायोगिक तौर पर ऑपरेशन लोटस देखा है कि हार्स ट्रेडिंग किसे कहते हैं? कैसे होती है?

इस दौरान जिस तरह से महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया गया, क्या वह न्यायतंत्र की, प्रजातंत्र की भावना के अनुरूप है?

बड़ा सवाल यह है कि- जो बेईमानी कमजोर आमआदमी को नजर आ रही हैं, वह ताकतवर अदालतों को क्यों नहीं दिखाई दे रही है?

यदि न्यायतंत्र के सर्वोच्च अधिकारी अब भी खामोश रहे तो बहुमत को पॉलिटिकल मॉब लिंचिंग में बदलने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा?

कभी समय मिले, तो कृपया इस ओर भी देखें....

Rajeev Dhyani राजीव @rajeevdhyani

माननीय चीफ जस्टिस जी,

मेहरबानी करके पता कीजिए, कि ये कौन लोग हैं, जो न्याय की देवी के सर्वोच्च मंदिर यानी सुप्रीम कोर्ट को 'सुप्रीम कोठा' बताकर हैशटैग चलवा रहे हैं?

सुप्रीम कोर्ट में तो शायद भारतीय भाषाएं चलती नहीं. इसलिए कोठा का अर्थ कोर्ट के राजभाषा अधिकारी से पूछ लीजिएगा!

* पवन खेड़ा @Pawankhera निर्मलाजी! हॉर्स ट्रेडिंग पर जीएसटी लगना चाहिए?*
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1543058403211489281
* DNA: बाढ़ से डूबते Assam में 'सियासी पर्यटन', बागी MLA's पर हर दिन खर्च हो रहे लाखों रुपये*
https://www.youtube.com/watch?v=42Npwu6iVwo
* जब तक शिवसेना महाराष्ट्र से बाहर नहीं आएगी, तब तक बीजेपी बैकफुट पर नहीं जाएगी?
* गैरों पे करम, अपनों पे सितम, क्यों? एकनाथ शिंदे पर एहसान नहीं किया है, बीजेपी ने उन्हें सियासी ढाल बनाया है!  
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1542696398126469121
https://palpalindia.com/2022/07/01/Maharashtra-Assembly-Shivsena-Eknath-Shinde-Chief-Minister-BJP-Devendra-Fadnavis-Deputy-CM-Political-news-in-hindi.html

* पलपल इंडिया ने पहले ही कहा था- बीजेपी को सत्ता नहीं चाहिए! ठाकरे परिवार का एकाधिकार तोडना है?  
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1542507612096237568
https://palpalindia.com/2022/06/30/maharashtra-fadnavis-CM-eknath-shinde-Uddhav-Thackeray-BJP-breaking-monopoly-Thackeray-family-news-in-hindi.html

* महाराष्ट्र में मकसद केवल सत्ता नहीं है? गांधी परिवार की तरह ठाकरे परिवार का सियासी वर्चस्व तोड़ना है!
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1540329610629353472
https://palpalindia.com/2022/06/24/maharashtra-politics-break-political-domination-of-Thackeray-family-like-Gandhi-family-news-in-hindi.html

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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