कोटा. एआईआरएफ-वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के नेतृत्व में सभी रेलकर्मचारियों को रात्रि डयूटी भत्ते के भुगतान को लेकर चल रहे संघर्ष में आज सफलता प्राप्त हुई एवं सभी रेलकर्मचारियों को रात्रि डयूटी भत्ते के भुगतान के आदेश आज रेलवे बोर्ड द्वारा जारी कर दिये गये.
यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा वर्ष 2020 में मूल वेतन 43600/- से अधिक वाले रेलकर्मचारियों को रात्रि डयूटी भत्ते से वंचित कर दिया गया था. जिसके खिलाफ एआईआरएफ एवं वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन लगातार संघर्ष कर इसको पुन: बहाल करने की मांग कर रही थी. इस मांग को लेकर समस्त रेलकर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त था एवं यूनियन के नेतृत्व में कर्मचारियों ने आन्दोलन कर आर-पार की लडाई का ऐलान किया था.
जिसके उपरान्त रेलवे बोर्ड ने सभी कर्मचारियों को रात्रि डयूटी भत्ते के भुगतान हेतु प्रकरण को वित्त मंत्रालय को भेजा था, लेकिन वित्त मंत्रालय द्वारा भी आदेश जारी करने में देरी की जा रही थी. फेडरेशन के महामंत्री कॉम. शिवगोपाल मिश्रा के लगातार प्रयासों से वित्त मंत्रालय द्वारा विगत दिनों इस पर सहमति प्रदान की गई एवं आज रेलवे बोर्ड द्वारा 43600/- से अधिक मूल वेतन वाले कर्मचारियों को भी अन्य कर्मचारियों के समान रात्रि डयूटी भत्ते के भुगतान के आदेश जारी कर दिये है.
मुकेश गालव ने यह भी बताया कि अभी यह आदेश कर्मचारियों के संघर्ष की आंशिक जीत है क्योंकि 43600/- से अधिक मूल वेतन वाले कर्मचारियेां हेतु भी रात्रि डयूटी भत्ते की सीलिंग लिमिट 43600/- ही रखी गई है. साथ ही इन आदेशों को जब से रात्रिकालीन डयूटी भत्ता बन्द किया गया था तब से लागू नहीं किया गया है. यूनियन एवं फेडरेशन इस सीलिंग लिमिट को समाप्त करने एवं कर्मचारियों के बकाया एरियर के भुगतान हेतु भविष्य में अपना संघर्ष जारी रखेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर मुकेश गालव ने बताई रेल कर्मचारियों एवं श्रमिकों की समस्याएं
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