भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर में आत्मदाह का प्रयास करने वाले संत विजय दास का शुक्रवार की रात दिल्ली में उपचार के दौरान निधन हो गया. उन्होंने अवैध खनन को रोकने के लिए आत्मदाह की कोशिश की थी. इस हादसे के बाद राजस्थान सरकार में हड़कंप मच गया था और उन्हें उपचार के लिए आनन-फानन में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती किया गया था. यहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
जानकारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार शनिवार को गांव में किया जाएगा. दिल्ली से शव को बरसाना लाया जाएगा. यहां साधु-संत और बाबा विजयदास की पौत्री दुर्गा उनके अंतिम दर्शन करेंगी. उसके बाद आंदोलन स्थल पसोपा में आम लोगों को उनके दर्शन कराए जाएंगे. उसके बाद अंतिम संस्कार होगा. मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष महंत राधा कांत शास्त्री ने बताया कि ये फैसला साधु-संतों और ग्रामीणों की बैठक के बाद किया गया.
वहीं आत्मदाह की कोशिश के बाद साधु विजय दास की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि सरकार तक चिंता में आ गई थी. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा और डॉ राकेश जैन ने बताया था कि विजय दास के शरीर का 85 प्रतिशत का हिस्सा आग की चपेट में आ गया. केवल चेहरे को छोड़ पूरे शरीर पर आग से जलने के कारण घाव हो गए थे.
गौरतलब है कि 20 जुलाई की रात चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा भी संत का हाल-चाल जानने अस्पताल पहुंचे थे. उसके बाद 21 जुलाई को सीएम गहलोत के सचिव गौरव गोयल एसएमएस अस्पताल पहुंचे और संत विजय दास के स्वास्थ्य की जानकारी ली. जब डॉक्टरों ने बताया कि संत की हालत गंभीर है, तो उसके बाद उन्हें दिल्ली शिफ्ट करने का फैसला लिया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान से सीमा पार कर नुपुर शर्मा की हत्या करने आया युवक राजस्थान में धराया, पूछताछ जारी
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