नई दिल्ली. एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर डीजीसीए ने स्पाइसजेट पर कड़ी कार्रवाई की है. अगले आठ हफ्तों तक उसकी 50 फीसदी उड़ानों पर रोक लगा दी है. हाल में स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी गड़बड़ी के कई मामले आए थे. इसके मद्देनजर डीजीसीए ने एयरलाइन पर यह कार्रवाई की है. स्पाइसजेट के विमानों में हाल में 18 दिन के अंतराल में गड़बड़ी के करीब आठ मामले सामने आए थे. इसके बाद डीजीसीए ने छह जुलाई को उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया था. सिविल एविएशन राज्यमंत्री वीके सिंह ने सोमवार को कहा था कि डीजीसीए ने स्पाइसजेट एयरक्राफ्ट्स के स्पॉट चेक्स के दौरान सेफ्टी में उल्लंघन का कोई बड़ा मामला नहीं पाया गया.
डीजीसीए ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि स्पाइसजेट एक सेफ और विश्वसनीय सेवा देने में नाकाम रही है. एयरलाइन इस तरह की गड़बडिय़ों को रोकने का उपाय कर रही है, लेकिन इसके लिए उसे काफी कुछ करने की जरूरत है. विमानन नियामक ने कहा कि विभिन्न स्थलों की जांच, निरीक्षण और स्पाइसजेट की ओर से जमा कराए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 फीसदी पर सीमित की जाती है.
विमानों में लगातार गड़बड़ी
स्पाइसजेट के विमानों में 19 जून से 18 दिनों की अवधि के दौरान तकनीकी खराबी के कम से कम आठ मामले आए जिसके बाद डीजीसीए ने छह जुलाई को एयरलाइन को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नोटिस में कहा गया था कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और रखरखाव की अपर्याप्त कार्रवाई की वजह से सुरक्षा मानकों में गिरावट आई है.
स्पाइसजेट के विमानों में गड़बड़ी की शुरुआत 19 जून को हुई थी. 19 जून 2022 को स्पाइसजेट के बोइंग यात्री विमान 737-800 ने पटना से उड़ान भरी, लेकिन टेक ऑफ के कुछ ही देर बाद विमान को वापस पटना उतारना पड़ा था. अधिकारियों ने बताया कि विमान से एक पक्षी टकरा गया था. पायलट को विमान के एक इंजन से धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया, जिसके चलते उसने विमान को वापस लैंड करने की अनुमति मांगी थी. इस विमान में कुल 191 लोग सवार थे जिनमें 185 यात्री और पायलट सहित 6 क्रू मेंबर थे. उसी दिन यानी 19 जून को ही स्पाइसजेट के एक दूसरे विमान बोमबर्डियर क्यू 400-8 ने दिल्ली से उड़ान भरी, लेकिन उड़ान के कुछ ही देर बाद केबिन में उचित प्रेशर न बन पाने के कारण इसे वापस दिल्ली एयरपोर्ट में लैंड कराना पड़ा.
24 और 25 जून में भी तकनीकी गड़बड़ी
इसके पांच दिन बाद एक और गड़बड़ी सामने आई. 24 जून को गुवाहाटी से कोलकाता जा रहे स्पाइसजेट के विमान क्यू 400 की फ्यूजलैश वॉर्निंग लाइट बीप करने लगी. पायलट ने बताया कि विमान के पिछले हिस्से में मौजूद बैगेज डोर के पास कोई तकनीकी दिक्कत थी. इसकी वजह से विमान को वापस लैंड कराया गया. इसके एक दिन बाद यानी 25 जून को फिर एक ऐसी ही तकनीकी खामी स्पाइसजेट की पटना-गुवाहाटी फ्लाइट में भी पाई गई. इस विमान की उड़ान टेक ऑफ से ठीक पहले ही रद्द करनी पड़ी. इसकी वजह यह था कि विमान के पिछले हिस्से के बैगेज डोर में तकनीक दिक्कत के कारण फ्यूज फ्लैश लाइट बीप होने लगी थी. इस महीने दो जुलाई को दिल्ली से स्पाइसजेट के एक विमान ने जबलपुर के लिए उड़ान भरी, लेकिन जब वो 5000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा तब उसके यात्री केबिन में धुआं आने लगा. इससे यात्रियों को काफी परेशानी होने लगी. इसके बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग वापस दिल्ली में कराई गई.
पांच जुलाई को तीन विमानों में गड़बड़ी
इसके तीन दिन बाद यानी पांच जुलाई को 150 यात्रियों के साथ दिल्ली से दुबई जा रहे स्पाइसजेट के विमान को कराची में लैंड कराना पड़ा. इस बार वजह यह थी कि पायलट को विमान के एक ईंधन टैंक में ईंधन की असामान्य रूप से कमी दिखाई दी. पांच जुलाई को ही गुजरात के कांडला से मुंबई जा रहे स्पाइसजेट के विमान को मुंबई पहुंचने पर प्रिऑरिटी लैंडिंग करानी पड़ी. इसकी वजह यह थी कि विमान का आउटर विंडशील्ड क्रैक हो गया था. उस समय विमान 23 हजार फीट की ऊंचाई पर था. उसी दिन स्पाइसजेट के एक तीसरे विमान में भी तकनीकी खामी आई थी. कोलकाता से चीन जाने के लिए स्पाइसजेट के कार्गो विमान में टेक ऑफ के ठीक बाद उसके वेदर रडार में तकनीकी गड़बड़ी आ गई जिसके कारण उसे वापस कोलकाता में लैंड कराना पड़ा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-स्पाइसजेट की फ्लाइट्स पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने किया खारिज
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