नजरिया. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही केंद्र की बीजेपी सरकार पर सवालिया निशान लगाया है?
वरुण गांधी ने मुफ्त की रेवड़ी के संदर्भ में ट्वीट करते हुए पूछा है कि- सरकारी खजाने पर आखिर पहला हक किसका है?
वरुण गांधी का ट्वीट किया- जो सदन गरीब को 5 किलो राशन दिए जाने पर धन्यवाद की आकांक्षा रखता है, वही सदन बताता है कि 5 वर्षों में भ्रष्ट धनपशुओं का 10 लाख करोड़ तक का लोन माफ हुआ है, मुफ्त की रेवड़ी लेने वालों में मेहुल चोकसी और ऋषि अग्रवाल का नाम शीर्ष पर है, सरकारी खजाने पर आखिर पहला हक किसका है?
जाहिर है, इसमें सीधा सियासी निशाना पीएम नरेंद्र मोदी पर साधा गया है!
याद रहे, पीएम मोदी ने यूपी की जनसभा में मुफ्त में सुविधाएं देने वाली सियासत की सख्त आलोचना करते हुए कहा था कि- यह रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है?
उल्लेखनीय है कि वरुण गांधी पहले भी अपनी ही सरकार की गलत नीतियों पर शब्दबाण चलाते रहे हैं, कुछ समय पहले बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा मुफ्तखोरी की संस्कृति समाप्त किए जाने के बारे में राज्यसभा में चर्चा की मांग किए जाने संबंधी नोटिस का जिक्र करते हुए वरुण गांधी ने ट्वीट किया था कि- जनता को मिलने वाली राहत पर ऊंगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबां में जरूर झांक लेना चाहिए, क्यों न चर्चा की शुरुआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएं खत्म करने से हो?
इतना ही नहीं, वरुण गांधी ने पिछले पांच सालों में बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों द्वारा सिलेंडर दोबारा नहीं भरवाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि- पिछले पांच सालों में 4.13 करोड़ लोग सिलेंडर को दुबारा भरवाने का खर्च एक बार भी नहीं उठा सके, जबकि 7.67 करोड़ ने इसे केवल एक बार भरवाया, घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें और नगण्य सब्सिडी के साथ गरीबों के उज्जवला के चूल्हे बुझ रहे हैं, स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन देने के वादे क्या ऐसे पूरे होंगे?
सियासी सयानों का मानना है कि वरुण गांधी मुद्दे तो सही उठा रहे हैं, लेकिन.... यह मोदी टीम को न तो रास आएंगे और न ही समझ आएंगे, लिहाजा समय आने पर उन्हें बीजेपी से बाहर का रास्ता जरूर दिखा दिया जाएगा!
वरुण गांधी का सवाल.... सांसदों पे करम, बुजुर्गों पे सितम, काहे?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1551034256616755200
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