पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में महिला पुलिस कर्मी के शारीरिक शोषण के आरोपी टीआई संदीप अयाची की अग्रिम जमानत याचिका अपर सत्र न्यायाधीश उर्मिला यादव की कोर्ट ने निरस्त कर दी है. आपत्तिकर्ता पीडि़ता महिला पुलिस कर्मी की ओर से अधिवक्ता राहुल राजपूत व राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अनिल व आलोक तिवारी ने विरोध जताते हुए दलील दी कि आवेदक पर गंभीर आरोप है, आवेदक ने पीडि़ता को शादी का प्रलोभन देकर उसका शारीरिक शोषण किया है.
कोर्ट में यह दलील दी गई कि आवेदक प्रभावशाली है व उससे पीडि़ता की जान को खतरा है अत: अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त किए जाने योग्य है, इस तरह के मामले में गिरफ्तारी के बिना जमानत पर रिहा करने से आदेश से समाज में गलत संदेश जाएगा, आवेदक द्वारा पीडि़ता को जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है, जबलपुर व कटनी में थानाप्रभारी रहते हुए उसने काफी रसूख बना लिया है, वह मूलत: दमोह का रहने वाला है व उसके हर तरह के वर्ग से संबंध है ऐसे में उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जाना चाहिए, न्यायालय ने तर्क से सहकत होकर अग्रिम जमानत देने से मना कर आवेदन को निरस्त कर दिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर के चार नगर परिषदों पर भी भाजपा का कब्जा, एक में कांग्रेस को मिली जीत
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