पलपल संवाददाता, जबलपुर/मंडला. मध्यप्रदेश के मंडला का जवान गिरजेश कुमार उद्दे भारत-बांग्लादेश सीमा पर उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया. बीएसएफ के जवान के रुप में पदस्थ गिरजेश उत्तर त्रिपुरा के कंचनपुर में तैनात रहे. बीते दिन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एन एल एफ टी) के संदिग्ध उग्रवादियों ने सैनिकों पर अचानक हमला कर दिया. जिसमें गिरजेश को चार गोलिया लगी थी. करीब पांच दिन पहले ही परिजनों से बातचीत के दौरान गिरजेश ने कहा था कि बॉर्डर के हालात ठीक नहीं है, फिर भी पहले देश की सेवा करुंगा फिर गांव आकर बेटी की धूमधाम से शादी करुंगा.
बताया गया है कि ग्राम चरगांव जिला मंडला में रहने वाले गिरजेश कुमार उद्दे उम्र 53 वर्ष बीएसएफ की 145 वीं बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर पदस्थ रहे. बीते दिन गिरजेश अपनी टीम के साथ कंचनपुर अनुमंडला की सीमा चौकी इलाके में भ्रमण पर रहे. सैनिक जब बांग्ला देश के रंगमती पर्वतीय जिले के जुपुई इलाके से गुजर रहे थे, इस दौरान एनएलएफ टी के उग्रवादियों से हमला कर दिया. सैनिकों ने भी जबावी फायरिंग की, दोनों ओर से काफी देर तक हुई फायरिंग में गिरजेश को चार गोलियां लगी और वे गिर गए. गिरजेश को सेना के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर डाक्टरों की टीम ने मृत घोषित कर दिया. गिरजेश के शहीद होने की खबर से गांव में मातम छा गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल रहा. जिसने भी बीएसएफ के जवान गिरजेश की मौत की खबर सुनी तो स्तब्ध रह गया. शहीद गिरजेश की पार्थिव देह रविवार को सुबह मंडला के चरगांव पहुंचेगी. जहां पर उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. गिरजेश के शहीद होने की खबर मिलते ही मंडला एसपी, एएसपी व तहसीलदार परिजनों से मिलने के पहुंचे थे.
परिजनों से बातचीत में कहा था कि बेटी की शादी धूमधाम से करेगें-
गिरजेश ने करीब पांच दिन पहले ही परिजनों से बातचीत करते हुए कहा कि बेटी की शादी धूमधाम से करेगें. इसके बाद परिजनों द्वारा लगातार फोन किया गया, लेकिन बातचीत नही हो पाई. बीती दोपहर गिरजेश के शहीद होने की खबर आई तो परिजन स्तब्ध रह गए.
शुरु से देश की सेवा करने का जज्बा रहा-
बताया गया है कि गिरजेश के बड़े भाई राजेन्द्र कुमार गन कैरिज फैक्टरी (जीसीएफ) से सेवानिवृत हुए है. दूसरे नम्बर के भाई रवि कुमार डिंडौरी में प्राचार्य है, तीसरे नम्बर के गिरजेश रहे. छोटे भाई लक्ष्मण सिंह आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में स्टोर कीपर है. गिरजेश शुरु से देश की सेवा करना चाहते थे और उन्होने सेना में नौकरी की. शहीद गिरजेश की पत्नी, दो बेटे व एक बेटी है. बेटी चंद्रिका जबलपुर से बीए की पढ़ाई कर चुकी है जिसकी कुछ दिन पहले ही ग्राम जमुनिया में अतिथि शिक्षक के पद पर नौकरी लगी है. बड़ा बेटा विक्की बीएससी तृतीय वर्ष में अध्ययनरत है. छोटा बेटा रिंकू बीकॉम द्वितीय वर्ष में है.
कुछ दिन पहले एक माह के अवकाश पर गांव आए थे-
चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि गिरजेश करीब एक माह पहले भाई राजेन्द्र की पत्नी क ा निधन होने की खबर मिलने पर छुट्टी लेकर आए थे. गांव में उन्होने अपना घर भी बनवाया, जिसका उद्घाटन हुआ उस वक्त सीमा पर तैनात होने के चलते वे गृहप्रवेश कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश : पत्नी ने मांगा तलाक तो पति ने सड़क पर ही पत्नी पर पेट्रोल डालकर लगाई आग
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