पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक बार फिर न्यू लाइफ मल्टी स्टेशलिटी अस्पताल में हुए अग्रिकांड मामले की जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जिन अधिकारियों ने अस्पताल को क्लीनचिट दी थी, उन्हे आरोपी क्यो नहीं बनाया गया. उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई. कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी अगली बार अनिवार्य रु प से रिपोर्ट पेश करे, ये आखिरी मौका है. यदि रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो हम स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराएगें. अस्पताल अग्रिकांड मामले की अगली सुनवाई एक सितम्बर को होगी.
चंडालभाटा दमोहनाका स्थित न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में 11 अगस्त को हुए अग्रिहादसे में 8 लोग जिंदा जल गए थे. जबलपुर में नियम विरुद्ध तरीके से खुले अस्पताल के संबंध में लॉ स्टूडेंट के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसपर आज एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार की ओर से अतिरिक्त अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने कहा कि अभी तक कमेटी जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है. कोर्ट ने निर्देश दिए कि जल्द ही कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करे. पुलिस द्वारा की जा रही जांच व आरोपियों की रिपोर्ट अगली सुनवाई में बंद लिफाफे में पेश की जाए. हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है. अगली सुनवाई में रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर से ट्रेक्टर चोर गिरोह को पकडऩे गई पुलिस टीम पर हमला, टीआई गंभीर, तीन घायल
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