चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन पर विचार किया गया है. इस प्रस्तावित नीति का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को प्रोत्साहित करते हुए अन्य वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाकर पर्यावरण प्रदूषण को घटाना है. प्रस्तावित नीति में राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का चयन करने वाले लोगों के लिए नकद रियायतों की भी व्यवस्था की गई है.
इस प्रस्तावित नीति के अंतर्गत लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा जैसे शहरों की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि राज्य के 50 प्रतिशत से अधिक वाहन इन शहरों में हैं. प्रस्तावित नीति में शहरों में 25 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन की कल्पना की गई है.
नीति के अनुसार राज्य भर में निजी और सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट्स के रूप में बुनियादी ढांचे की स्थापना की जाएगी. राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों, पुर्जों और इलेक्ट्रिक बैटरियों के निर्माण का केंद्र बनाने पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा.
इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किया जाएगा. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि राज्य में नौजवानों के लिए नौकरियों के अवसर पैदा करने के लिए नए कोर्स शुरू किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन पर लगने वाली रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में छूट की व्यवस्था भी की गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आतंकी रच रहे पंजाब को दहलाने की साजिश, खुफिया एजेंसी ने जारी किया नेताओं पर हमले का अलर्ट
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