जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर के केन्द्रीय रेलवे अस्पताल सहित देश भर के तमाम रेलवे अस्पतालों में अब रेलकर्मियों के साथ-साथ बाहरी व्यक्ति (गैर रेलकर्मी) भी अपना मुफ्त में उपचार करा सकेंगे. रेलवे अस्पताल में इलाज कराने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड होना जरूरी है. गत 5 सितंबर को रेल मंत्रालय ने इस संबंध में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है.
अभी तक जो व्यवस्था थी, उसकी मुताबिक रेल अस्पतालों में सिर्फ रेल कर्मचारी ही इलाज करा सकते हैं. गैर रेलकर्मियों को आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त में इलाज की सुविधा दी जाएगी. देश के 91 रेलवे अस्पतालों के साथ-साथ पश्चिम मध्य रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में भी नई व्यवस्था लागू होगी. कार्ड धारकों की सहायता के लिए मंडल अस्पताल में हेल्प डेस्क खोला जाएगा. अन्य अस्पतालों की तरह रेलवे अस्पताल में भी आयुष्मान कार्ड पर कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी. आउटडोर के साथ-साथ कार्ड के आधार पर मरीजों को जरूरी पड़ने पर अस्पताल में भर्ती भी कराया जाएगा. साथ ही मुफ्त में दवाएं भी दी जाएंगी.
रेलकर्मियों को समुचित उपचार नहीं मिल रहा तो बाहरी को कैसे मिल सकेगा
वहीं रेलवे के इस निर्णय पर मुखर के स्वर भी उठने लगे हैं. तमाम श्रमिक संगठनों का कहना है कि इन रेलवे अस्पतालों में आधारभूत सुविधाओं की जबरदस्त कमी है, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाइयों की भारी तंगी है, जिससे रेलवे कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी व उनके परिजनों तक को तो समुचित उपचार मुहैया नहीं हो पा रहा है, ऊपर से बाहरी व्यक्तियों के उपचार के निर्णय से रेलवे अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पमरे के कोटा में एसीबी ने रेलवे के इंजीनियर को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा
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