आप नेताओं को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया सोशल मीडिया से एलजी के खिलाफ कंटेंट हटाने का आदेश

आप नेताओं को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया सोशल मीडिया से एलजी के खिलाफ कंटेंट हटाने का आदेश

प्रेषित समय :13:20:51 PM / Tue, Sep 27th, 2022

दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को आदेशित करते हुए सोशल मीडिया से एलजी विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ पोस्ट किए गए कंटेंट हटाने को कहा है. हाईकोर्ट के इस आदेश को आप नेताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, वहीं उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को बड़ी राहत मिली है. 

हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेताओं से उपराज्यपाल को बदनाम करने वाले पोस्ट्स को हटाने के लिए कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने एलजी विनय कुमार सक्सेना की ओर से सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के नेताओं संजय सिंह, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और जैस्मीन शाह के खिलाफ दाखिल मानहानि के मुकदमे की सुनवाई की थी.

हाईकोर्ट ने आप के इन सभी नेताओं से सोशल मीडिया पर प्रसारित और जारी किए गए कथित झूठे और अपमानजनक पोस्ट, ट्वीट और वीडियो को हटाने के लिए कहा है. संजय सिंह, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और जैस्मीन शाह को दिल्ली सरकार की ओर से संवाद और विकास आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.

गौरतलब है कि आप नेताओं ने दावा किया था कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके उपराज्यपाल सक्सेना और उनका परिवार 1400 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल था. केवीआईसी के दो पूर्व कर्मचारियों के बयानों का हवाला देते हुए पार्टी और उसके नेताओं ने दावा किया था कि केवीआईसी अध्यक्ष के रूप में उनकी बेटी को अनुबंध दिया गया था, जो नियमों के खिलाफ था.

पिछले हफ्ते गुरुवार को हाईकोर्ट ने एलजी सक्सेना के अंतरिम आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. इस आवेदन में सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन पोर्टलों पर अपमानजनक सामग्री को हटाने की मांग की गई थी. दो करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग करते हुए उपराज्यपाल ने हाईकोर्ट में कहा था कि आम आदमी पार्टी ने सावधानीपूर्वक नियोजित मकसद से और जांच एजेंसियों की ओर से अपने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ये आरोप लगाए थे.

जस्टिस अमित बंसल की कोर्ट में उपराज्यपाल की ओर से सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी और मनिंदर सिंह पेश हुए थे. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि उपराज्यपाल पर लगाए गए आरोप मानहानिकारक और दुर्भावनापूर्ण हैं. आप नेताओं ने यह आरोप बिना किसी दस्तावेज या आधार के एक उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ लगाए गए हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

एमपी हाईकोर्ट ने पूछा: श्रीराम मंदिर की जमीन पर कैसे दर्ज हो गया महंत का नाम, राज्य सरकार, कलेक्टर को नोटिस जारी

रेप पीड़िता से शादी करने वाले आरोपी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट बोला-पति को सजा सुनाई तो समाज हित में नहीं होगा

बाम्बे हाईकोर्ट से शिवसेना के उद्धव गुट को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की मिली अनुमति, शिंदे गुट को झटका

यूपी: जेलर को धमकाने में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को हाईकोर्ट ने सुनाई 7 साल की जेल, जुर्माना भी

मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी: शादी महज शारीरिक सुख के लिए नहीं, परिवार बढ़ाना भी जरूरी

Leave a Reply