रायगढ़. छत्तीसगढ़ का रायगढ़ नगर निगम अपने क्रियाकलापों के चलते आये दिन सुर्खियों में बना रहता है यह स्थिति एक बार फिर से निगम प्रशासन को चर्चा में लाकर खड़ा कर दिया है. इस बार भगवान बजरंग बली को जलकर बकाया का नोटिस थमा दिए है. इससे शहर वासियों मे जन आस्था से खिलवाड़ किए जाने से भड़क गया.
लोगो में रोष है तो जिला भाजपा ने इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाई है. सम्भवत: इसमें भगवान को नोटिस दिए जाने पर विरोध की कड़ी रणनीति बनायी जा सकती है. क्योंकि कुछ माह पहले जमीन विवाद को लेकर तहसील न्यायालय ने भगवान शिव को नोटिस दिया था.
जानकारी के मुताबिक नगर निगम रायगढ़ राजस्व बढ़ाने के लिए बीते माह से कवायद कर रही है. वार्ड मोहर्रिर को शत प्रतिषत वसूली का निर्देश दिया है अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी का दंश भी झेलना पड़ सकता है. इस बीच शहर में जल कर की वसूली के लिए नोटिस जारी कर रही है.
फरवरी और मार्च माह का एक साथ बिल वसूली किया जा रहा है. नोटिस भेजने की निगम को इतनी हड़बड़ी थी की उन्होंने भगवान हनुमान के नाम से बजरंग बली को ही नोटिस जारी कर दिया. यह पूरा वाक्या शहर वार्ड क्रमांक 18 का है. दरअसल यह नोटिस मंदिर प्रशासन के किसी व्यक्ति के नाम से जारी किया जाना था. लेकिन निगम के अफसरों और कर्मचारियों को हड़बड़ी इतनी थी की उन्होंने भगवान हनुमान को ही अपना हितग्राही बनाकर नोटिस काट दिया. अब शहर में इसी बात को लेकर बवाल मचा हुआ है. प्रशासन आए दिन ऐसी गलतियां कर सुर्खियां बटोर रहा है. जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही है.
वहीं देखा जाए तो शहर के कई हिस्सों में अमृत मिशन की पाइप लाइन में गड़बड़ी है. कई हिस्सों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. आए दिन निगम के कर्मचारियों का लोगों से विवाद हो रहा है. ऐसे में निगम अपनी कमियों को दूर करने की बजाए बिल बांटने में ही फोकस कर रही है. जबकि दूसरी ओर जहां नल कनेक्शन लगा है उसमें भी पानी नही आ रहा है.
कौहाकुंडा स्थित भोलेनाथ मंदिर को भेजा चुका है नोटिस
गत 21 मार्च को रायगढ़ के अफसरों से ऐसी ही एक गलती हो गई थी जहां तहसील कार्यालय से भगवान भोले शंकर को उनके मंदिर से बेदखली का नोटिस भेज दिया था. यह विवाद कौहाकुंडा जमीन को लेकर हुआ था यहां के कालोनाइजर द्वारा जमीन पर कब्जा किया जा रहा था साथ ही अन्य भी ऐसे ही कृत्य में थे इस वजह से भोलेनाथ व 10 लोगो को नोटिस भेजा गया. जहां कोर्ट में सांकेतिक रूप से मोहल्ले वासियों ने रिक्से में भगवान को पेशी में लेकर आये थे. काफी हो हंगामे के बाद प्रशासन ने अपनी गलती मानी और त्रुटि सुधारी गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छत्तीसगढ़: दीवाली से पहले राज्य के कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, 5 प्रतिशत बढ़ा महंगाई भत्ता
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