अलाप्पुझा. केरल में एवियन फ्लू का खतरा बढ़ रहा है. राज्य के अलाप्पुझा में बतखों में एवियन फ्लू की पुष्टि हुई है. फ्लू को बढऩे से रोकने के लिए अधिकारियों ने हरिपद नगर पालिका के वझुथनम वार्ड में 20 हजार से अधिक पक्षियों को मारने के लिए अभियान शुरू किया.
कुछ पक्षियों की मौत के बाद सैंपल लेकर भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में जांच के लिए भेजे गए थे. सैंपलों की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई है. जिला अधिकारियों ने कहा कि 28 अक्टूबर से इस बीमारी के केंद्र के एक किमी के दायरे में सभी पक्षियों को मारा जाएगा.
20,471 बत्तखों को मारा गया
पशु चिकित्सकों के निर्देशों के अनुसार जिले में कम से कम 20,471 बत्तखों को मारा जा रहा है. इस काम के लिए आठ रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) को लगाया गया है. हर टीम में 10-10 सदस्य हैं. जिला पशु संरक्षण अधिकारी डीएस बिंदू के नेतृत्व में पक्षियों को मारा गया. राजस्व और स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभागों के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने संक्रमित क्षेत्र का दौरा भी किया. बयान में कहा गया कि अभियान पूरा होने के बाद भी हरिपद नगर पालिका, पल्लीपाड़ पंचायत और आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य एवं पशु कल्याण विभागों की निगरानी एक हफ्ते तक जारी रहेगी.
पक्षियों के ट्रांसपोर्टेशन पर प्रतिबंध
एहतियात के तौर पर जिस जगह से बीमारी फैली है, उस जगह के एक किमी के दायरे में पक्षियों के ट्रांसपोर्टेशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिला प्रशासन ने हरिपद नगर पालिका और आसपास के इलाकों में बतख, मुर्गी, बटेर समेत पक्षियों के अंडे, मांस के सेवन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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