मुंबई. संयुक्त राष्ट्र परिषद के देशों के बीच हो रही काउंटर टेरररिज्म कमेटी की बैठक के दूसरे दिन भी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई देशों के प्रतिनिधियों के सामने आतंकियों के एरियल प्लेटफॉम्र्स के उपयोग पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी मानवरहित एरियल प्लेटफॉर्म का इस्मेमाल कर रहे हैं जो कि पूरी दुनिया की सरकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी है. इस दौरान भारत ने मुंबई के 26/11 हमलों की को भी याद किया गया.
बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी संगठन की टूलकिट में महत्वपूर्ण उपकरण बनकर उभरे हैं. उन्होंने मानव रहित तकनीक के आतंकियों के हाथ में पहुंचने पर कहा कि आतंकवादियों, उनके साथियों और अकेले हमला करने वाले हमलावरों ने नयी टेक्नोलॉजी तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं.
जयशंकर ने बताया कि केवल भारत ही नहीं पूरे एशिया और अफ्रीका में भी आतंकवाद का खतरा बढ़ा रहा है यह संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दिखाया गया है. उन्होंने इस पूरे मामले में यूएन देशों को ठोस कदम उठाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद भी आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा है. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नई टेक्नोलॉजी सरकारों के लिए नई चुनौतियां पैदा करती हैं, क्योंकि असामाजिक तत्वों द्वारा इनका दुरुपयोग किए जाने का खतरा रहता है.
एस जयशंकर ने आतंकवादियों से निपटना सबसे बड़ी प्राथमिकता बताई. उन्होंने कहा कि मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से ही है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है.
जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में, खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं. उन्होंने कहा, वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए प्रौद्योगिकी और पैसा और सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं.
जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानवरहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल ने दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. विदेश मंत्री ने कहा, रणनीतिक, बुनियादी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की आशंकाओं पर सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-संयुक्त राष्ट्र मिशन के फोर्स कमांडर बने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहन सुब्रमण्यम
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