संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे: पीएम मोदी

संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे: पीएम मोदी

प्रेषित समय :10:14:36 AM / Tue, Nov 15th, 2022

बाली. इंडोनेशिया के बाली में शुरू हुए जी20 शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है. हमें यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं कई बार दोहरा चुका हूं कि हमें सीजफायर और डिप्लोमेसी के रास्ते पर बढ़ते हुए यूक्रन युद्ध का हल निकालना होगा. उन्होंने कहा कि दुनिया ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पिछली शताब्दी में तबाही देखी थी. तब के नेताओं ने उस संकट से निकलने के लिए गंभीर प्रयास किए थे और शांति के रास्ते पर आए थे. अब हमारी बारी है. बाली में जी-20 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद अब नया वल्र्ड ऑर्डर तैयार हो रहा है और इसकी जिम्मेदारी अब हमारे ऊपर है.

उन्होंने कहा कि वक्त की जरूरत है कि शांति, सद्भाव और सुरक्षा के लिए मजबूती से कदम बढ़ाए जाएं. पीएम मोदी ने कहा कि हमें भरोसा है कि अगले साल जब हम बुद्ध और महात्मा गांधी की धरती पर मिलेंगे तो दुनिया को शांति का संदेश देने में कामयाब होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया में खाद्यान्न का संकट पैदा हो रहा है और सप्लाई चेन भी कमजोर हुई है. उन्होंने कहा कि हमने देश में खाद्य सुरक्षा के लिए नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया है. इसके अलावा पारंपरिक फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. मिलेट्स के जरिए यह संभव होगा और इससे दुनिया में कुपोषण एवं भूख से निपटा जा सकेगा.

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में आज जो फर्टिलाइजर की कमी है. कल वह खाद्यान्न के संकट में तब्दील हो सकता है. यदि ऐसा हुआ तो फिर दुनिया के पास उसका कोई समाधान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हमें एक समझौता करना होगा, जिससे फूड ग्रेन की सप्लाई चेन पर कोई विपरीत असर न पड़े. यही नहीं इस दौरान पीएम मोदी ने दुनिया को अक्षय ऊर्जा की ओर भी बढऩे का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि 2030 तक हमारी बिजली की आधी जरूरत रिन्यूएबल एनर्जी से होगी. उन्होंने कहा कि इससे खर्च भी कम होगा और हम स्थायी विकास की ओर बढ़ेंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा जरूरी है. यह दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था है. हमें ऊर्जा की सप्लाई पर किसी भी तरह के प्रतिबंधन नहीं लगाने चाहिए. एनर्जी मार्केट में स्थिरता को बढ़ावा देना होगा. भारत इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण में विकास को गति दी जाए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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