पलपल संवाददाता, जबलपुर/ नरसिंहपुर. एमपी के गाडरवारा जिला नरसिंहपुर स्थित एसडीओपी कार्यालय में आज उस वक्त हड़कम्प मच गया. जब जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने एसडीओपी के रीडर संजय दीक्षित को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. रीडर द्वारा एक शिकायत के निराकरण के बदले उक्त रिश्वत ले रहा था.
लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि ग्राम मगरधा जिला नरसिंहपुर निवासी मेरसिंह की बहू पुष्पा लोरिया बीमार रहती थी. जिनका इलाज कराया जा रहा था. इस दौरान पुष्पा की उपचार के दौरान मौत हो गई. मेरसिंह की बहू ने मृत्यु के पहले एसडीओपी कार्यालय गाडरवारा में दहेज प्रताडऩा की एक शिकायत की थी. जिसकी एसडीओपी कार्यालय द्वारा जांच की जा रही थी. जांच के दौरान मेरसिंह को एसडीओपी कार्यालय बुलाया गया. जहां पर एसडीओपी के रीडर संजय दीक्षित ने मेरसिंह ने शिकायत का निराकरण करने के लिए 65 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. मेरसिंह ने इस बात की शिकायत जबलपुर पहुंचकर लोकायुक्त कार्यालय में एसपी संजय साहू से की. इसके बाद आज मेरसिंह गाडरवारा स्थित एसडीओपी कार्यालय पहुंचा. जहां पर रीडर संजय दीक्षित को रिश्वत की पहली किश्त 30 हजार रुपए दी, तभी लोकायुक्त टीम के डीएसपी दिलीप झरवड़े, इंस्पेक्टर स्वप्रिल दास सहित अन्य अधिकारियों ने दबिश देकर रीडर संजय दीक्षित को रंगे हाथ पकड़ लिया. लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़े एसडीओपी के रीडर संजय दीक्षित ने रिश्वत के 30 हजार रुपए लेने की बात से इंकार करते हुए विवाद करने की कोशिश की, जिन्हे लोकायुक्त के अधिकारियों ने शांत करा दिया. रीडर संजय दीक्षित द्वारा 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने की खबर से कार्यालय में हड़कम्प मच गया, देखते ही देखते कर्मचारी एकत्र हो गए, जिनके बीच तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त रही.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर मेडिकल अस्पताल में डाक्टर हड़ताल पर, प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति का विरोध
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