पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के मेडिकल कालेजों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्तियों का विरोध शुरु हो गया है. आज जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज के डाक्टर भी हड़ताल पर रहे. डाक्टरों की हड़ताल से ओपीडी से लेकर वार्ड में भरती मरीजों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.
बताया जाता है कि मेडिकल अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को वापस लौटना पड़ा. इमरजेंसी में आए मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा . ऐसी ही स्थिति भोपाल, इंदौर, ग्वालियर के मेडिेकल कालेज व प्रदेश के दूसरे सरकारी अस्पतालों में रही. हालांकि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी हड़ताल को बेअसर बता रहे हैं. दो घंटे तक चली डाक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है. सुबह से ओपीडी में मरीज लाइन लगाकर खड़े रहे लेकिन डाक्टर नहीं मिले. ऐसा ही हाल मेडिकल अस्पताल के वार्डो का रहा, डाक्टर रुटीन जांच के लिए नहीं आए, जिससे भरती मरीजों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है.
हड़ताल कर रहे डाक्टरों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति से अव्यवस्थाएं होगी, ये बिना सोचे समझे लिया जाने वाला फैसला है. एमपी मेडिकल टीचर्स ऐसोसिएशन पदाधिकारियों ने काम बंद हड़ताल के दौरान कहा कि यदि सरकार इस विरोध प्रदर्शन के बाद भी नहीं मानी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा, आने वाले दिनों आपतकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार किया जाएगउ, किसी भी सूरत में प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में जिला न्यायालय के बाहर युवक को चाकू मारकर फायरिंग, पेशी से लौटते वक्त किया हमला
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