बारां. राजस्थान के बारां जिला परिषद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में राशि लेने के बावजूद आवास ना बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. जिला परिषद द्वारा जिले के करीब 21 सौ लाभार्थियों के खिलाफ विभिन्न थानों में राशि का गबन व दुरुपयोग करने का मामला दर्ज कराया जाएगा. साथ ही बीते 1 साल में जीरो प्रगति देने वाले करीब 12 कर्मचारियों को निलंबित करने की तैयारी की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा हर बेघर परिवार को आवास देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है. देश के करोड़ों परिवारों को इसका लाभ भी मिला है. लेकिन बारां जिले में कई लाभार्थियों की लापरवाही और अधिकारियों की अनदेखी के चलते उनके परिवारों का आवास का सपना आज भी सपना बनकर ही रह गया है. केंद्र सरकार द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग के चलते अब जिला स्तर पर भी अधिकारी हरकत में आए हैं.
जिला परिषद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बीते 5 सालों में किश्त लेने के बावजूद मकान नहीं बनाने वाले लाभार्थियों के खिलाफ अब राशि गबन और उनकी वसूली के लिए थानों में एफआईआर दर्ज कराने जा रही है. साथ ही जिले में वर्ष 2021-2022 में जीरो प्रतिशत प्रगति वाले एक दर्जन ग्राम विकास अधिकारियों के निलंबन आदेश जारी करने की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया है.
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015 में जरूरतमंद लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई थी. योजना के तहत तीन किस्तों में एक लाख 20 हजार की राशि प्रदान की जाती है, इसके अतिरिक्त परिवार को 90 दिन का महात्मा गांधी नरेगा मजदूरी एवं शौचालय के लिए 12 हजार का अलग से भुगतान किया जाता है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में योजना में वर्ष 2016 से लेकर 2022 तक जिले में कुल स्वीकृत 49137 आवासों में से सिर्फ 36157 आवास पूरे हो सके, 12980 आवास आज भी निर्माणाधीन है.
इसमें करीब 80 प्रतिशत आंकड़ा 2021-22 का है. वर्ष 2016 से लेकर 2020 तक में पहली व दूसरी किस्त लेकर भी आवासों का काम नहीं करवाने वाले 2061 लाभार्थियों की जिला परिषद द्वारा सूची तैयार कर ली गई है. इन लाभार्थियों से अब राशि की वसूली के लिए इनके खिलाफ थानों में एफआईआर करवाई जाएगी. वहीं जिले के 12 गांव में योजना के तहत बीते 1 साल में एक भी मकान नहीं बनवाने वाले ग्राम विकास अधिकारियों के खिलाफ जिला परिषद सीईओ कृष्णा शुक्ला द्वारा निलंबन के आदेश तैयार कर लिए गए है.
इसके साथ ही योजना की प्रगति में लापरवाही बरतने वाले करीब प्रखंड विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारियों को 17 सीसी के नोटिस जारी किए गए हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि जिला परिषद की सख्ती अब अपने आवासों के लिए लापरवाह बने लोगों पर कितनी कारगर साबित होती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात के नतीजों पर निर्भर है राजस्थान और मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी का सियासी भविष्य!
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