HMS राजस्थान : भवन निर्माण, खदान श्रमिकों की पूरी नहीं हो रही मांग, 23 नवम्बर को कोटा में विशाल रैली

HMS राजस्थान : भवन निर्माण, खदान श्रमिकों की पूरी नहीं हो रही मांग, 23 नवम्बर को कोटा में विशाल रैली

प्रेषित समय :19:38:30 PM / Sun, Nov 20th, 2022

कोटा. राजस्थान में हजारों भवन निर्माण व खदान श्रमिक परेशान हैं, उनकी समस्याओं की ओर शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. सरकार द्वारा जो कल्याणकारी योजनाएं लागू की गई हैं, उसका लाभ तक नहीं मिल रहा है. स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है, जिससे उनमें जबर्दस्त आक्रोश है. एचएमएस आजाद हिन्द बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन ने इन श्रमिकों की मांग को लेकर अब आर-पार के संघर्ष का ऐलान किया है, जिसके चलते आगामी 23 नवम्बर 2022 को कोटा में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया है, जो कोटा रेलवे स्टेशन से जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय जायेगी. इस संबंध में एक  बैठक आज रविवार 20 नवम्बर को यूनियन कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें रैली सफल बनाने के लिए तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई
इस संबंध में यूनियन के महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव ने बताया कि श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण किया जाना अति आवश्यक है. समस्यायें दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. श्रमिकों के कार्यों का निस्तारण समय पर नहीं हो रहा है. योजनाओं का लाभ श्रमिकों को नहीं मिल रहा है. जिससे श्रमिकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. इन्हीं समस्याओं के निराकरण हेतु समस्त भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक 23 नवम्बर को कोटा यूनियन कार्यालय से जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय तक विशाल रैली का आयोजन करेंगे.

श्रमिकों की समस्याएं यह हैं

1. पंजीकृत भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली योजनाओं का लाभ लगभग डेढ़ वर्ष से नहीं दिया जा रहा है. शीघ्र ही योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाये.
2. श्रमिकों की शुभशक्ति योजना के आवेदनों को बिना कारण रिजेक्ट किया जा रहा है. जिससे श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है. शीघ्र ही समस्या का निराकरण करवाया जायें.
3. श्रमिक के साथ दुर्घटना होने पर 1 बार आवेदन ऑनलाइन होता है. दुबारा एक्सीडेन्ट होने पर आवेदन ऑन लाईन नही होता है. इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाये.
4. श्रमिक डायरी के नवीनीकरण के लिए जो श्रमिक डायरियाँ 5 या 7 साल से बंद है उन्हें चालू करवाने हेतु अंशदान जमा करवाने के लिए डायरी जब से बंद है तभी से कार्य प्रमाण पत्र मांगा जाता है. जो कि श्रमिक को देने में काफी परेशानी होती है. नियोजक व ठेकेदार मना कर देते है तथा ऑनलाईन में 01 ही साल का कार्य का प्रमाण मांगा जाता है.
5. रिजेक्ट आवेदनों की अपील समय पर दिये जाने के पश्चात भी उन्हें रि-ओपन नहीं किया जाता है. शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण करवाया जाये.
6. श्रम विभाग बून्दी, बांरा व झालावाड में आवेदन ऑनलाइन के पश्चात कमी पूर्ति में डाल दिया जाता है. कमीपूर्ति के पश्चात हिताधिकारी को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाता है. श्रमिक के लेबर इंस्पेक्टर के द्वारा इन्क्वायरी के पश्चात भी कोई कार्यवाही नहीं ंकी जाती है और आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं. यह बहुत बड़ी समस्या है, इसका निराकरण तुरन्त करवाने का कष्ट करें.
7. श्रमिकों की टूलकिट योजना जो कि श्रमिक के पंजीकृत होने के 3 वर्ष बाद 2 हजार रुपये ही दिये जाते हैं, जो कि इस मंहगाई के दौर में बहुत ही कम है. इसका सरलीकरण करते हुये हर वर्ष पांच हजार रुपये दिया जाये.
8. श्रमिकों की पुत्रियों को उद्यमी बनाने हेतु शुभशक्ति योजना को बंद कर दिया गया है, जिससे श्रमिकों में भारी असंतोष व्याप्त है, इसको पुन: चालू किया जाये या फिर श्रमिकों की पुत्रियों के लिये कोई अन्य योजना को क्रियान्वित किया जाये.
9. श्रमिकों के आवेदनों के भौतिक सत्यापन नगर निगम और ग्राम पंचायतों द्वारा किये जा रहे है जिससे काफी विलम्ब होता है एवं श्रमिकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भौतिक सत्यापन श्रम विभाग द्वारा ही कराया जाये.

श्रमिकों में बढ़ रहा आक्रोश, तेज होगा आंदोलन

श्रमिक नेताओं ने कहा कि उपरोक्त सभी समस्याओं का निराकरण शीघ्र कराया जाए, जिससे भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों को हो रही अनावश्यक परेशानी से निजात मिले, अन्यथा यूनियन को आन्दोलनात्मक कदम उठाना पड़ेगा. जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की होगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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