जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच फिलहाल भले ही सीज फायर हो गया हो, लेकिन बीते 25 सितंबर के सियासी संकट के दौरान हुए विधायकों के सामूहिक इस्तीफों पर बीजेपी अब हमलावर मोड में दिखाई दे रही है. गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों के इस्तीफा सौंपने के लगभग 2 महीने गुजरने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से कोई तस्वीर साफ नहीं की गई, ऐसे में अब विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट का रूख किया है.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधायकों के इस्तीफों के मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर सुनवाई करने की अपील की है. बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट की खंडपीठ अगले हफ्ते इस मसले पर सुनवाई कर सकती है. इससे पहले बीते महीने बीजेपी के एक प्रतिनिधि दल ने जयपुर में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात कर विधायकों के इस्तीफे पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी.
याचिका में कहा गया कि यदि कोई विधायक खुद इस्तीफा देता है तो स्पीकर के पास इस्तीफा स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है. याचिका के अनुसार यह असंभव है कि विधायकों से जबरन इस्तीफों पर हस्ताक्षर करवाए गए हो या उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हों और विधायकों के इस्तीफे देने के चलते सरकार सदन में अपना विश्वास खो चुकी है. याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम सार्वजनिक किए जाएं और बतौर विधायक इनका विधानसभा में प्रवेश से रोका जाए.
गौरतलब है कि पिछले महीने बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष को जयपुर स्थित आवास पर जाकर एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें मांग की गई कि वह विधायकों के इस्तीफे पर बिना देर किए कोई निर्णय करे. 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी जहां गहलोत गुट के विधायकों ने बैठक का बहिष्कार किया था. जिसके बाद स्पीकर से मुलाकात कर करीब 90 विधायकों ने इस्तीफे सौंपने का दावा किया था. वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर सीपी जोशी अभी तक चुप रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Rajsthan News: पीएम मोदी ने अशोक गहलोत की तारीफ, तो पायलट बोले- हल्के में नहीं लिया जाए
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