जबलपुर/भोपाल. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के भोपाल में गत 17 दिसम्बर को आयोजित 20वें वार्षिक अधिवेशन में हजारों रेल कर्मचारियों ने यूनियन के झंडे तले न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के खिलाफ जमकर हुंकार भरते हुए गारंटेड ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग पुरजोर ढंग से उठाई. इस अधिवेशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि आगामी चुनाव में जो भी सरकार कर्मचारियों को गारंटेड पेंशन स्कीम देने का वचन देगी, उसे ही समर्थन दिया जायेगा.
इस अधिवेशन में आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री काम. शिव गोपाल मिश्रा, डबलूसीआरईयू के महामंत्री काम. मुकेश गालव, अध्यक्ष फिलिप ओमन, एआईडीईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक, एचएमएस के एमपी अध्यक्ष नेमसिंह, यूनियन कोषाध्यक्ष इरशाद खान, जबलपुर मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला, मंडल सचिव रोमेश मिश्रा, भोपाल मंडल अध्यक्ष टीके गौतम, कोटा मंडल अध्यक्ष काम. लोकेंद्र मीणा सहित यूनियन के तीनों मंडलों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं सहित हजारों रेल कर्मचारी शामिल रहे.
एनपीएस हटाने, ओपीएस के लिए आरपार के संघर्ष का निर्णय, रैली निकली
भोपाल रेलवे स्टेशन से एक विशाल रैली तीनों रेल मंडलों जबलपुर, कोटा व भोपाल से पहुंचे हजारों रेल कर्मचारियों ने निकाली, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए रेलवे इंस्टीट्यूट ग्राउंड पहुंची. रैली में कर्मचारियों ने एनपीएस हटाने व गारंटेेड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे.
एजीएम में यह प्रस्ताव हुए सर्वसम्मति से पारित
बैठक में यूनियन महामंत्री मुकेश गालव ने 9 प्रस्ताव रखे, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इस प्रस्ताव में सबसे पहला प्रस्ताव नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली करना था. काम. गालव ने कहा कि यूनियन शुरुआत से ही एनपीएस का लगातार विरोध करते आ रही है, क्योंकि उक्त योजना में रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है तथा पेंशन पर महंगाई राहत, आश्रित परिवार के सदस्य को पारिवारिक पेंशन और अन्य लाभ तथा सेवानिवृत्ति के बाद जीवन के वृद्धावस्था में कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को वस्तुत: छीन लिया गया है. प्रस्ताव में एनपीएस को हटाकर ओपीएस तत्काल लागू करने की मांग की, ताकि रिटायरमेंट के बाद रेल कर्मचारी व उनके परिवार एक सम्मानजनक जीवन जी सकेें. इस प्रस्ताव के अलावा रेलवे के निजीकरण, निगमीकरण एवं उत्पादन इकाइयों को बेचने की नीति का पुरजोर विरोध करते हुए सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि सरकार अपनी नीति को वापस नहीं लेता है तो रेल कर्मचारियों के पास निरंतर पुरजोर आंदोलन व विरोध प्रदर्शन ही एकमात्र उपाय होगा, जिसकी जवाबदारी रेल प्रशासन की होगी. वहीं वेस्ट सेंट्रल रेलवे में रिक्त पड़े 11 हजार पदों को युद्धस्तर पर भरने, पदों का अविवेकपूर्ण सरेंड्र बंद करने सहित अन्य विषयों का प्रस्ताव पारित किया गया.
इन मांगों को जोरदार ढंग से उठाया
सभी केटेगरी को रिस्क एलाउंस का भुगतान सुनिश्चित करो. डब्ल्यूसीआर में 11 हजार रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाये. महिलाओं को सीसीएल में 80 प्रतिशत वेतन भुगतान की जगह 100 प्रतिशत किया जाये.
- डबललाईन/तिहरीलाईन पर ट्रेन संचालन से पूर्व नये पद सृजित कर उन्हें भरा जाये.
- पोस्ट सरेन्डर बंद करो, नए कार्यों के लिए नए पदों का सृजन करो.
1800 ग्रेड-पे वाले 50 प्रतिशत कर्मचारियों को 1900 ग्रेड-पे लेवल-2 में अपग्रेड किया जाए.
रनिंग स्टॉफ में गार्ड एवं ड्राईवरों को ग्रेड-पे 4200 से 4600 तक अपग्रेड किया जाए. आर्टिजन एम.सी.एफ. रोड-पे 4200 को ग्रेड-पे 4600 लेवल-7 तक अपग्रेड किया
- 4600 ग्रेड-पे में बचे कार्यरत सभी केटेगरी के कर्मचारी- सुपरवाईजरों को ग्रेड- पे 5400 तक अपग्रेड किया जाए.
- ट्रेकमेन को एम.सी.एफ. ग्रेड-पे 4200 लेवल-6 तक अपग्रेड किया जाए.
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