जबलपुर में तेंदुए की खाल ले जा रहे तस्करों को पुलिस ने दबोचा, कुत्ते को खिला दिया पंजा-नाखून

जबलपुर में तेंदुए की खाल ले जा रहे तस्करों को पुलिस ने दबोचा, कुत्ते को खिला दिया पंजा-नाखून

प्रेषित समय :18:10:31 PM / Fri, Jan 13th, 2023

जबलपुर. एमपी के जबलपुर जिले के पनागर थाना अंतर्गत बम्नौदा बायपास के पास पुलिस ने तेंदुए की खाल ले जा रहे दो तस्करों को दबोच लिया. दोनों ही तस्कर बड़ी ही चालाकी से अपने ठिकाने पर पहुंचने का प्रयास कर रहे थे, इसके लिए आगे-आगे एक गाड़ी रेकी करने में चल रही थी लेकिन वे पुलिस के जाल में फसने से नहीं बच सके. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज तस्करी में प्रयुक्त वाहन, मोबाइल और नगद रुपए जब्त कर लिए हैं. पकड़े गये आरोपियों ने बताया कि तेंदुए की मौत के बाद उसका पंजा व नाखून कुत्ते को खिला दिया था.

पुलिस ने बताया कि  बीती रात करीब 8 बजे मुखबिर से सूचना मिली कि बोलेरो क्रमांक एमपी 20 सीएच 4891 से मटामर खमरिया निवासी प्रतीक चौबे एक मटमैले थैले में तेंदुए की खाल रखकर ले जा रहा है. उसके आगे-आगे झगरा कटंगी में रहने वाला शंकर पटेल वेन क्रमांक एमपी 20 बीए 6569 से रेकी करते हुए आगे आ रहा है.

सूचना के आधार पर पुलिस बम्नौदा चौराहा के पास खड़ी हो गई, लेकिन दूर से शंकर ने पुलिस को देख लिया और तेज रफ्तार वाहन चलाकर वहां से भागने लगा. पुलिस ने पीछा कर घेराबंदी कर पहले शंकर को दबोचा और फिर प्रतीक को भी पकड़ लिया. इसके बाद जब प्रतीक के वाहन की तलाशी ली गई तो उसमें रखे थैले में तेंदुए की खाल बरामद हुई, जिसकी जानकारी तत्काल वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो को भी दी गई. माप करने पर ज्ञात हुआ कि खाल की लंबाई 29 इंच और चौड़ाई 22 इंच है.

कटीले तारों में फंसा था तेंदुआ

पुलिस ने जब प्रतीक और शंकर से पूछताछ की तो पता चला कि शंकर बीच में दलाली का काम करता है और उसने ही प्रतीक को जानकारी दी थी कि कुंडम के जमुनिया में रहने वाले विक्रम सिंह गौड के पास तेंदुए की खाल है, जिसे वह बेचने चाह रहा है. पुलिस ने रात को ही विक्रम के घर दबिश देकर जब उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने अपने खेत में लगी फसल को सुअरों से सुरक्षित रखने के लिए कंटीले तार लगाए थे, लेकिन उसमें तेंदुआ फंस गया और उसकी मौत हो गई. जिसके बाद उसने तेंदुए की खाल उतारकर उसे प्रतीक को 3 हजार रुपए में बेच दिया.

कुत्ते को खिला दिया पंजा-नाखून, सिर

विक्रम ने पुलिस को बताया कि घटना करीब 30 से 40 दिन पुरानी है. तेंदुआ तार में फंसने के बाद उसने उसके पंजे-नाखून और सिर कुत्ते को खिला दिए और खाल को सुखाकर अपने पास रख लिया. कुछ दिनों बाद उसने इसकी जानकारी अपने गांव आने वाले प्रतीक को दी और शंकर पटेल को रैकी के लिए लगाकर सुरक्षित खाल पहुंचाने का तरीका ढूंढने लगा. पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि तेंदुआ सच में तार में फंसकर मरा या इन तीनों ने मिलकर उसका शिकार किया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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