प्रयागराज. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बॉलीवुड की फिल्मों, सीरियल्स व ओटीटी प्लेटफार्म पर सनातन धर्म को अपमानित करने वाले कंटेंट को रोकने के लिए धर्म सेंसर बोर्ड का गठन किया है. उन्होंने प्रयागराज माघ मेले में धर्म सेंसर बोर्ड की गाइडलाइंस भी जारी की. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि यह गाइडलाइंस निर्माता-निर्देशकों तक जल्द पहुंचायी जाएगी. जिसके बाद बॉलीवुड फिल्मों, सीरियल्स व ओटीटी प्लेटफार्म में सनातन धर्म को अपमानित करने वाले कंटेंट पर पैनी नजर रखी जाएगी.
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि रिलीज होने वाली फिल्म का पहला शो बोर्ड के सदस्य देखेंगे. शाहरुख खान की 25 जनवरी को रिलीज होने वाली पठान फिल्म को भी बोर्ड के सदस्य देखेंगे और आपत्तिजनक कंटेंट पाए जाने पर धर्म सेंसर बोर्ड उस अंश हटाने की मांग करेगा. उन्होंने कहा है कि धर्म सेंसर बोर्ड झोंको, टोको और रोको की कार्यशैली से काम करेगा. उन्होंने कहा कि बोर्ड के सदस्यों द्वारा फिल्म देखे जाने के बाद सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुरानी फिल्मों को भी धर्म सेंसर बोर्ड देखेगा और सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार फिल्मों में सनातन धर्म को अपमानित करने वाले कंटेंट को रोकने के लिए गठित किए गए धर्म सेंसर बोर्ड के संरक्षक खुद ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हैं. धर्म सेंसर बोर्ड में एक प्रमुख सदस्य सहित में अलग-अलग क्षेत्रों के कुल नौ सदस्य नामित किए गए हैं. इसमें सुरेश मनचंदा प्रमुख सदस्य नामित किए गए हैं. जबकि डॉ पीएन मिश्र, स्वामी चक्रपाणि महाराज, मानसी पाण्डेय, तरुण राठी, कैप्टन अरविंद सिंह भदौरिया, प्रीति शुक्ला, डॉ गार्गी पंडित, डॉ धर्मवीर सदस्य बनाए गए हैं.
सनातन धर्म को अपमानित करने वाले कंटेंट पर रोक लगाने के लिए ही धर्म सेंसर बोर्ड का गठन किया गया है. आरोप यह लगाया गया है कि लगातार सनातन धर्म को अपमानित करने वाले कंटेंट, प्रतीक चिन्हों और संवाद का प्रयोग हो रहा है. इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. ऐसे कंटेंट दिखाए जाने पर हमारे युवा पीढ़ी के मन में हमारी शाीिय धारणाओं में बदलाव आ रहा है. निर्माता निर्देशकों में गाइडलाइंस का पालन नहीं करने की आदत बढ़ रही है.
बताया जा रहा है कि धर्म सेंसर बोर्ड के सदस्य फिल्मों के कंटेंट पर ही निगाह रखेंगे. अगर सनातन धर्म के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक कंटेंट या दृश्य फिल्मों या सीरियल्स में डाले जाएंगे तो उसे हटाने के लिए धर्म सेंसर बोर्ड उन पर दबाव बनाएगा. उसके बाद भी कटेंट या दृश्य को नहीं हटाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह कार्रवाई कानूनी के साथ-साथ सामाजिक भी होगी. जिसका सीधे तौर पर असर फिल्म निर्माता निर्देशकों की इनकम पर भी पड़ेगा. गौरतलब है कि इन दिनों शाहरुख खान की फिल्म पठान और सैफ अली खान की फिल्म आदि पुरुष को लेकर कोहराम मचा हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, विभाजन स्वीकार करना है तो मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए
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