पलपल संवाददाता, जबलपुर/ भोपाल/ ग्वालियर. एमपी में नेशनल हैल्थ मिशन (एनएचएम) की आज होने पर संविदा स्टाफ नर्स की भर्ती परीक्षा पेपर लीक हो गया. जिसके चलते एग्जाम को निरस्त कर दिया. इस मामले में परीक्षार्थियों ने भोपाल में प्रदर्शन किया है. वहीं दूसरी ओर ग्वालियर क्राइम ब्रांच की टीम ने यूपी के 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है जो टेकनपुर की एक होटल में रुके थे. जिसमें 2 यूपी, 2 हरियाणा व 3 आरोपी ग्वालियर के रहने वाले है.
इस संबंध में ग्वालियर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि आज सुबह एक स्टूडेंट के परिजन ने खबर दी कि कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है वो डील करने के लिए डबरा स्थित टेकनपुर के एक होटल के पास बुला रहे है. जिसपर क्राइम ब्रांच की टीम ने छापा मारकर 33 लोगों को हिरासत में लिया है. पकड़े गए लोगों ने 7 ऐसे युवक मिलने जो पर्चा बेच रहे थे. पकड़े गए संदिग्ध युवक मेरठ यूपी, हरियाणा व ग्वालियर के रहने वाले है. वहीं 26 स्टूडेंट्स में 15 लड़कियां व 11 लड़के है. जो यहां पर पर्चा खरीदने के लिए आए थे. ग्वालियर में ही संविदा नर्स भर्ती परीक्षा के चार सेंटर बनाए थे, जहां पर एग्जाम होना थे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से कई स्टूडेंट्स के दस्तावेज भी मिले है जो पर्चा लीक मामले में कथित तौर पर आरोपियों ने गारंटी के तौर पर रखे थे.
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में यह भी बताया कि जिन परीक्षार्थियों से पेपर का सौदा हुआ था, उन सभी से टोकन एमाउंट लिया गया था. बाकी का रुपया एग्जाम के बाद लिया जाना तय हुआ था. पेपर लीक होने के बाद एग्जाम निरस्त होने की खबर से परीक्षार्थी आक्रोशित हो गए. भोपाल में सैम कालेज में परीक्षा केंद्र बनाया गया था. यहां दोपहर की पारी में स्टूडेंट्स को परीक्षा हॉल में बिठा दिया गया. परीक्षा जब तय समय पर शुरू नहीं हुई तो उम्मीदवारों ने ड्यूटी कर रहे पर्यवेक्षकों से पूछताछ की. पहले तो पर्यवेक्षकों ने सर्वर स्लो होने का हवाला दिया. करीब 10 मिनट बाद परीक्षा निरस्त होने की सूचना सभी उम्मीदवारों को दे दी. इससे नाराज परीक्षार्थियों ने भोपाल के रायसेन रोड स्थित सैम कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
गैंग ने यहां से खरीदा है पर्चा-
पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होने पर्चा स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड नामक की कंपनी की वेसाइट से ऑन लाइन खरीदा था. यह कंपनी सरकारी विभागों में रिक्रूटमेंट कंसल्टिंग का काम करती है. इसके बदले में 15 लाख रुपए चुकाए है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कंपनी के पास पर्चा कहां से आया है. क्योंकि मामले में कंपनी से संबंधित कोई नहीं मिला है. पुलिस अब मामलें में कंपनी के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है.
इन शहरों में फैला नेटवर्क-
पुलिस अधिकारियों की माने तो गैंग का जबलपुर, भोपाल, इंदौर में नेटवर्क फैला है, यहां पर इस गैंग के सदस्य सक्रिय है जो इस तरह की परीक्षाओं के पेपर बेचते है.
एक से डेढ़ लाख रुपए में बेचा है पर्चा-
इस गैंग से 15 छात्राओं व 11 छात्रों ने एक से डेढ़ लाख रुपए में पर्चा खरीदा है. आरोपियों द्वारा परीक्षाओं को पर्चा देने के बाद उनकी ओरिजनल मार्कशीट जमा करा लेते थे. इसके बाद गारंटी लेते थे कि पर्चा हूबहू आए तो रुपए देकर मार्कशीट ले जाना, पकड़े गए आरोपियों के पास 26 परीक्षार्थियों की मार्कशीट मिली है.
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