शिमला. जेओए आईटी पेपर लीक मामला सामने आने के बाद 26 दिसंबर 2022 से निलंबित चल रहे हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को सुक्खू सरकार ने भंग कर दिया है. मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कर्मचारी चयन आयोग में बीते तीन साल से भर्ती परीक्षाओं के पेपर बेचे जा रहे थे. पेपर कुछ लोगों की ही बेचे जा रहे थे. जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इसको देखते हुए आयोग को भंग करने का फैसला लिया गया है.
आयोग की जिन भर्ती परीक्षाओं के परिणाम आने हैं या जारी हुए हैं, उन सभी की भी जांच की जा रही है. चयन आयोग के स्टाफ को सरप्लस पूल में डालने का फैसला लिया है. कर्मचारियों से पूछा गया कि वे किस विभाग में जाना चाहते हैं. सुक्खू ने कहा कि जब तक नई भर्ती एजेंसी तय नहीं होती, तब तक राज्य लोकसेवा आयोग भर्ती प्रक्रिया पूरी करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली गई जिन लिखित भर्ती परीक्षाओं का अभी रिजल्ट नहीं निकला है, उनकी आगे की प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग करेगा. इसी तरह जिन पेपर के बच्चों को रोल नंबर दे दिए गए थे, उनके पेपर भी लोकसेवा आयोग करेगा. सुक्खू ने कहा कि आयोग में निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के स्टाफ की पेपर लीक में संलिप्तता सामने आई है. कहा कि मामले में पहली चार्जशीट फाइल की जा रही है. सप्लीमेंट्री चार्जशीट जल्द फाइल की जाएगी.
यहां जानें पूरा मामला, कब क्या हुआ
प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी के 319 पदों की भर्ती की लिखित परीक्षा से दो दिन पहले 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक हो गया था. इसको देखते हुए सरकार ने 26 दिसंबर को तत्काल प्रभाव से प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कामकाज को निलंबित कर दिया. साथ ही आयोग में सभी चल रही और लंबित भर्तियों को अगले आदेश तक रोक दिया. सरकार ने अतिरिक्त जिला उपायुक्त (एडीसी) हमीरपुर को आयोग का विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया. साथ ही पेपर लीक मामले में आरोपी महिला कर्मचारी को निलंबित किया. जूनियर ऑडिटर और कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती के पेपर भी महिला कर्मी के घर से बरामद किए गए थे.
26 दिसंबर को कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर से जेओए आईटी पेपर लीक मामले में सरकार ने एसआईटी का गठन किया. डीआईजी जी सिवाकुमार को एसआईटी टीम का जिम्मा सौंपा. 27 दिसंबर को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कर्मचारी चयन आयोग में जाकर रिकॉर्ड खंगाला. मामले में विजिलेंस ने 20 फरवरी को हमीरपुर न्यायालय में चालान पेश किया और चार्जशीट में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया. 20 जनवरी को कर्मचारी चयन आयोग के दो कर्मचारियों को शिमला सचिवालय में नियुक्ति दी है. इस पर सवाल उठे. 21 फरवरी को सरकार ने आयोग को ही भंग कर दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हिमाचल प्रदेश: पठानकोट-भरमौर NH पर लैंडस्लाइड से लूणा पुल टूटा, बड़ी संख्या में फंसे लोग
हिमाचल पुलिस भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई नेे 7 राज्यों के 50 ठिकानों पर की छापेमारी
कश्मीर-हिमाचल और उत्तराखंड में जबरदस्त बर्फबारी, लाहौल में 3 फीट स्नोफॉल, चार नेशनल हाईवे बंद
स्विटजरलैंड जैसी नजर आती हैं हिमाचल की 6 जगह, पहुंचना भी आसान
हिमाचल: बर्फबारी के बाद मनाली में उमड़े सैलानी, 3 हाईवे समेत 267 सड़कें बंद, जनजीवन अस्त-व्यस्त
Leave a Reply