AIRF की राष्ट्रीय कार्यकरिणी की मीटिंग जोधपुर में शुरू, WCREU महामंत्री मुकेश गालव ने कहा- रेल मजदूरों की मांगों को पूरा कराने होगा आरपार का संघर्ष

AIRF की राष्ट्रीय कार्यकरिणी की मीटिंग जोधपुर में शुरू, WCREU महामंत्री मुकेश गालव ने कहा- रेल मजदूरों की मांगों को पूरा कराने होगा आरपार का संघर्ष

प्रेषित समय :20:34:25 PM / Thu, Mar 2nd, 2023

जोधपुर. आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारणी की मीटिंग आज गुरुवार 2 मार्च से जोधपुर में प्रारंभ हुई. इस बैठक में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी व वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री काम. मुकेश गालव ने रेल कर्मचारियों की मांगों को विस्तार से उठाते हुए कहा कि अब समय आ गया है आर-पार के संघर्ष का.

यूनियन के महामंत्री कॉम मुकेश गालव ने न्यू पेंशन स्कीम समाप्त कर सभी रेल कर्मचारियों के लिए पुरानी गारंटेड पेंशन योजना लागू करने हेतु राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन के साथ आर- पार के संघर्ष में कर्मचारियों की भागीदारी का आव्हान किया और कहा कि अब कर्मचारी और इंतजार नहीं करेंगे और अपनी इस मांग को पूरा करने के लिए हड़ताल के विकल्प का भी उपयोग करेंगे.

इसके साथ रनिंग स्टाफ पर हो रहे लगातार अत्याचार पर भी कॉम मुकेश गालव ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि रेल प्रशासन के बेतुके आदेशों से रनिंग स्टाफ तनाव में ड्यूटी करने पर मजबूर है, जिसे फेडरेशन बर्दाश्त नहीं करेगी. विशेष रूप से मुख्यालय ओवरशूट, व्यावसायिक सुरक्षा की अनदेखी, मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर सभी जगह रोक लगाने के तुगलकी आदेश, इनकम टैक्स छूट का दायरा नहीं बढऩे, वार्षिक कैडर रिव्यू में मैचिंग वेल्यू के साथ पोस्ट क्रिएशन आदि आदेशों से स्टाफ तनाव में है और यूनियन तथा फेडरेशन इस प्रकार के तुगलकी फरमानों को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने फेडरेशन की लीडरशिप का आव्हान किया कि इन मुद्दों पर शीघ्र रेलवे बोर्ड स्तर पर निस्तारण करवाया जाए.

श्री गालव ने कहा कि पॉइंट्समैन कैडर की रिस्ट्रक्चरिंग आदेशों में हो रहे अनावश्यक विलंब, ग्रुप सी से ग्रुप बी में अपग्रेड होने वाले 30 प्रतिशत पदों के आदेश, सहमति बन जान के बाद भी जारी नहीं होने पर भी कॉम मुकेश गालव ने जोरदार शब्दों में कर्मचारियों के रोष को प्रकट किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेल के निजीकरण पर  सरकार के लगातार बढ़ते कदम, जिसमें वंदे भारत के संचालन, इसके निर्माण हेतु सीमेंस सहित अन्य कंपनी को रेल के कारखानों में अनुमति देने जैसी निर्णयों को फेडरेशन बर्दाश्त नहीं करेगी और अब निजीकरण के खिलाफ आर-पार के जन आंदोलन में आम जनता के साथ रेल कर्मचारी, रेल बचाने के लिए संघर्ष की अगुवाई करेंगे

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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