AIRF रनिंग स्टाफ पर लगातार बढ़ते प्रताडऩा के मामलों पर सख्त, CRB को पत्र लिखकर जताई आपत्ति, दी चेतावनी

AIRF रनिंग स्टाफ पर लगातार बढ़ते प्रताडऩा के मामलों पर सख्त, CRB को पत्र लिखकर जताई आपत्ति, दी चेतावनी

प्रेषित समय :20:47:41 PM / Sat, Mar 4th, 2023

नई दिल्ली. रेलकर्मियों खासकर रनिंग स्टाफ पर लगातार छोटी-छोटी बातों पर प्रताडि़त किये जाने की पूरे भारतीय रेलवे में बढ़ती घटनाओं पर आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने गंभीर चिंता जताते हुए पत्र लिखकर रेलवे के बोर्ड के चेयरमैन/सीईओ को एक पत्र लिखा है, जिसमें तत्काल ही रनिंग स्टाफ का हैरेसमेंट रोकने की कार्रवाई करने को कहा है. रेलवे बोर्ड की नीति के खिलाफ पूरे भारतीय रेलवे में सभी स्टेशनों पर क्रू लॉबी के समक्ष आगामी 20 मार्च को धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया है.

इस संबंध में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सेक्रेट्री व वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि 2-3 मार्च, 2023 को जोधपुर में हुई अपनी कार्यसमिति की बैठक के दौरान ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के सामने देश भर के रेलकर्मचारियों की कई गंभीर समस्याएं प्रकाश में आयीं, जिसमें हाल ही में रेलवे बोर्ड द्वारा जारी किए गए कई निर्देशों को व्यवहारिक रूप से गलत बताया गया. खासकर रनिंग स्टाफ (जो एक फ्रंटलाइन स्टाफ है) का मनोबल गिराने वाला है, जो भारतीय रेलवे के सुचारू संचालन के लिए जिम्मेदार हैं. ये वही रनिंग स्टाफ है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपना बलिदान दिया है और राष्ट्र के नागरिकों के व्यापक हित में देश के एक कोने से दूसरे कोने तक आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की है. कई बार रेल के माननीय मंत्रियों के साथ-साथ रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने माल ढुलाई के साथ-साथ यात्री ट्रेनों के मामले में लक्ष्य से अधिक हासिल करने के लिए उनकी सराहना की है.

मोबाइल फोन जमा कराना, परिवार से बात पर बंदिश बर्दाश्त नहीं

किंतु अब यह गंभीर चिंता का विषय है कि इन रनिंग स्टाफ को प्रशासन द्वारा सनकी आदेश जारी कर अपमानित किया जा रहा है कि वे अपने मोबाइल फोन जमा कर लें और हस्ताक्षर करने के बाद उन्हें आराम के घंटों के दौरान अपने परिवार से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सीएलआई को उनके परिवारों की काउंसिलिंग के लिए उनके घर भेजा जाएगा. ये कुछ उदाहरण हैं कि प्रशासन ने रनिंग स्टाफ का मनोबल गिराने की हद कर दी है.

रेलवे बोर्ड ने कई पदों को किया समाप्त, जिससे बढ़ रही समस्याएं

यूनियन महामंत्री काम. गालव ने बताया कि हाल के दिनों में रेलवे बोर्ड ने कई ऐसे आदेश जारी किए हैं, जो रेल कर्मचारियों के लिए प्रतिकूल हैं, जिसमें उन्होंने मनमाने ढंग से लोको पायलट (शंटिंग) के पद को समाप्त करना, कर्मचारियों की रनिंग और अन्य सुरक्षा संबंधित श्रेणियों के ड्यूटी के घंटों की समीक्षा करने के साथ-साथ स्पेड की घटनाओं के मामले में हल्की सजा देने के संबंध में रेलवे बोर्ड के साथ हुए समझौते को रद्दी कागज की बाल्टी में फेंक दिया गया है और इन कर्मचारियों को सख्ती से हटाया/बर्खास्त किया जा रहा है. एसपीएडी (SPAD) मामलों में भी (दोषपूर्ण उपकरणों के कारण), ये कर्मचारी रेलवे बोर्ड द्वारा पत्र संख्या 2022/एम(एन)/60/3(ई-3387858) दिनांक 17.01.2023 द्वारा जारी जेपीओ के कारण पीडि़त हो रहे हैं. चालक दल को ड्यूटी के घंटों से परे काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, और उन्हें वॉकी-टॉकी के गैर-प्रदर्शन के लिए दंडित किया जा रहा है. क्रू को समय-समय पर आराम नहीं दिया जा रहा है, और यहां तक कि उन्हें वास्तविक कारणों से भी छुट्टी की अनुमति नहीं है. कडिय़ों को इस तरह से टाइट किया गया है, जहां क्रू को नहीं माना जा रहा है.

इंसान नहीं, मशीन समझ कर कराया जा रहा काम

श्री गालव ने बताया कि पूरे भारतीय रेलवे में कर्मचारियों को इंसान नहीं समझा जा रहा, बल्कि उनसे मशीन की तरह काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. रनिंग स्टाफ के ओवरटाइम भत्ते को कई बार अस्वीकार या विलंबित किया जा रहा है. सहायक/लोको पायलटों को बिना मार्ग से परिचित कराए और उन्हें उचित प्रशिक्षण दिए बिना ट्रेन प्रबंधक के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. रनिंग स्टाफ को शाखा/सहायक के सामने खड़ा रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है. पूरे दिन शाखा कार्यालय, जो सबसे अपमानजनक है. इसके अलावा, उन्हें बिना किसी तुक और कारण के प्रशिक्षण स्कूलों में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. हालांकि 120 किमी के न्यूनतम गारंटीड माइलेज के भुगतान के आदेश हैं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि इसे लागू नहीं किया जा रहा है और आजकल लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, सीएलआईएस रेलवे को अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए जीपी 4600, 4800 और 5400 जीपी से वंचित हो रहे हैं.  जिन रनिंग स्टाफ ने इंटर रेलवे ट्रांसफर या इंटर डिवीजनल ट्रांसफर के लिए अनुरोध किया था, उन्हें जबरदस्ती अनुमति नहीं दी जा रही है.

एआईआरएफ प्रताडऩा बर्दाश्त नहीं करेगी

श्री गालव ने बताया कि इस संबंध में एआईआरएफ के महामंत्री काम. शिव गोपाल मिश्रा ने सीआरबी/सीईओ रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि रेल प्रशासन की ऐसी गतिविधियों को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसलिए, हमने 20 मार्च, 2023 को पूरे भारतीय रेलवे में क्रू लॉबी पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. एआईआरएफ प्रशासन को यह भी सलाह देता है कि, यदि तत्काल सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए, तो यह और तेज हो सकता है, जिससे भारतीय रेलवे का संचालन ठप हो सकता है. एआईआरएफ ने रेलवे बोर्ड को स्पष्ट अनुरोध किया है कि सभी रेल प्रशासनों को आवश्यक निर्देश जारी करें कि वे ऐसा माहौल न बनाएं, जिससे हमारे योग्य रनिंग स्टाफ का मनोबल गिरे. साथ ही किसी भी टकराव से बचने के लिए तत्काल बैठक बुलाएं और इन सभी मुद्दों पर चर्चा करें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर चीफ कंट्रोलर ने की लाखों की ठगी, सीबीआई ने किया गिरफ्तार

रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के साथ रेलवे की पीएनएम में निराकृत हुईं कर्मचारियों की 35 समस्याएं

जबलपुर सहित दस रेलवे स्टेशनों पर शुरू किये जायेगे 22 मॉड्यूलर स्टॉल, मिलेगी गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री

भारतीय रेल की बड़ी उपलब्धि: छह जोनल रेलवे पूर्ण रूप से हुए विद्युतीकृत, पीएम मोदी ने की सराहना

रेलवे बोर्ड ने लगाई कर्मचारियों को IPAS के माध्यम से दिए जाने वाले भत्तों पर रोक, AIRF ने जताया आक्रोश

Leave a Reply