जेनेवा. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने धार्मिक अल्पसंख्यकों और आतंकवाद के मुद्दों पर पाकिस्तान को यूएनएचआरसी में करारा जवाब दिया है. जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यूएनएचआरसी में भारत की प्रतिनिधि सीमा पुजानी ने पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार की जमकर खिंचाई की. पुजानी ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि कोई भी धार्मिक अल्पसंख्यक आज पाकिस्तान में आजादी से नहीं रह सकता है और न ही अपने धर्म का पालन कर सकता है. अपनी आस्था का पालन करने पर सरकार अहमदिया समुदाय को सता रही है. दुनिया भर में हजारों नागरिकों की मौत के लिए पाकिस्तान की नीतियां सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं.
एनएचआरसी में पाकिस्तान की हिना रब्बानी खार ने गुरुवार को कहा था कि राजनीतिक लाभ के लिए भारत की हिंदुत्ववादी सरकार को कश्मीरी लोगों की जिंदगी को अमानवीय बना दिया है. जब वे अपने अधिकारों की मांग करते हैं तो उन पर आतंकवाद के झूठे आरोप लगा दिये जाते हैं. खार ने कहा कि भारतीय कब्जे वाले कश्मीर में लोगों के रोजगार को खत्म करने के लिए उनके घरों को ध्वस्त कर दिया गया और भूमि के पट्टे को खत्म करके कश्मीरियों के सामूहिक उत्पीडऩ को बढ़ा दिया गया है. बहरहाल पाकिस्ता को उसकी हैसियत दिखाते हुए इसके जवाब में पुजानी ने कहा कि पिछले एक दशक में जबरन लापता होने के मामलों की जांच करने के लिए बनाए गए पाकिस्तान के अपने जांच आयोग को 8,463 शिकायतें मिली हैं.
पुजानी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की क्रूर नीति का खामियाजा बलूच लोगों को भुगतना पड़ा है. छात्र, डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और बलूच समुदाय के नेताओं को नियमित रूप से सरकार गायब कर देती है. ईसाई समुदाय के साथ भी उतना ही बुरा बर्ताव होता है. ईशनिंदा के कठोर कानूनों के जरिए उनको अक्सर निशाना बनाया जाता है. पुजानी ने कहा कि सरकार के संस्थान आधिकारिक तौर पर ईसाइयों के लिए सफाई-कर्मी की नौकरियां रिजर्व करते हैं. भारत की प्रतिनिधि सीमा पुजानी ने आगे कहा कि हिंदू समुदाय की कम उम्र की लड़कियों को लगातार अगवा करके इस्लाम कबूल करवाया जाता है. पाकिस्तान की सरकार और न्यायपालिका इसको लेकर उदासीन है. हिंदू और सिख समुदाय अपने पूजा स्थलों पर लगातार हमले और अपनी कम उम्र की लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दों का सामना कर रहे हैं.
पाकिस्तान की हिना रब्बानी खार ने ये भी कहा था कि भारत को पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह के हथियारों की लगातार जारी सप्लाई दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिरता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रही है और पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रही है. भारत ने इसके जवाब में कहा कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर भारत के खिलाफ अपने दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए यूनाईटेड नेशन के प्रतिष्ठित मंच का दुरुपयोग किया है. पुजानी ने कहा कि इस्लामाबाद ऐसे समय में भारत के खिलाफ प्रचार चला रहा है, जब उसके अपने नागरिक अपनी जिंदगी, रोजगार और आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसे गलत प्राथमिकता बताते हुए भारत की प्रतिनिधि ने पाकिस्तानी सरकार से निराधार प्रचार में उलझने के बजाय अपनी ऊर्जा को अपनी आबादी की भलाई के लिए काम करने पर केंद्रित करने के लिए कहा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद भी आतंकवाद पर नहीं लग पा रहा अंकुश: एस. जयशंकर
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