पटना. बिहार के ऊर्जा मंत्री ने राज्य में मुफ्त बिजली देने से साफ इंकार करते हुए कहा कि ये संभव ही नहीं है. जानकारी के अनुसार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान ऊर्जा मंत्री मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में अब तक 13 लाख से अधिक स्मार्ट प्री पेड मीटर लग चुके हैं. अक्टूबर 2022 में 1 करोड़ 48 लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाने के लिए 15074 करोड़ रुपए की योजना को स्वीकृति दी गई है. वहीं उन्होंने ऊर्जा विभाग के बजट पर विधानसभा में लाए गए कटौती प्रस्ताव पर जबाब देते हुए साफ शब्दों में कहा कि राज्य में मुफ्त बिजली संभव ही नहीं है.
इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री ने सदन को इस बात की जानकारी देते हुये कहा कि सब्सिडी के रूप में उपभोक्ताओं को आठ हजार करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत अलग-अलग श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट की दर से अनुदान सरकार द्वारा दिया जा रहा है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 7801 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा चुका है. इससे ज्यादा सरकार के स्तर पर संभव नहीं है. सदन में कई विधायकों द्वारा दूसरे राज्यों की तर्ज पर मुफ्त बिजली की मांग की गई थी. बिजली बिल अधिक आने और बिजली से जुड़ी तमाम शिकायतों के संबंध में मंत्री ने अपने स्तर पर जानकारी दी. मंत्री ने घोषणा करते हुये कहा कि प्रत्येक माह के हर दूसरे सप्ताह में प्रखंड स्तर पर कैंप लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के पुनर्गठन के समय 2012 में राज्य का अधिकतम लोड 1802 मेगावाट था जो वर्ष 2022 में 6738 मेगावाट हो गया. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार को उसके पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, यूपी और झारखंड की तुलना में महंगी बिजली मिलती है. मंत्री की माने तो राज्य सरकार अपने उपभोक्ताओं को इसके बावजूद सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही है. हम लगातार वन नेशन वन टैरिफ की बात करते रहे हैं, पर उसका कुछ नहीं हो रहा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार : मधेपुरा में हाइवा और ऑटो के बीच आमने-सामने की भीषण टक्कर, हादसे में 5 की मौत
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